CRPF के 'भागीरथ प्रयास' से इस तरह सफल होती है अमरनाथ यात्रा, अधिकारियों ने साझा किया अनुभव

By सुरेश डुग्गर | Updated: June 26, 2019 18:26 IST2019-06-26T18:26:39+5:302019-06-26T18:26:39+5:30

अधिकारियों के मुताबिक, ''यह कार्य कोई आसान नहीं है। जम्मू शहर में श्रद्धालुओं के ठहरने के स्थान से लेकर गुफा तक उन्हें पहुंचाने और फिर वापस लौटाने का टास्क कम मेहनत और खतरों से भरा हुआ नहीं है।''

J&K: CRPF 'Bhagirath Attempt' succeeds Amarnath Yatra, officials shared experience | CRPF के 'भागीरथ प्रयास' से इस तरह सफल होती है अमरनाथ यात्रा, अधिकारियों ने साझा किया अनुभव

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

अमरनाथ यात्रा को सकुशल सम्पन्न करवाने जुटे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के लिए अमरनाथ यात्रा किसी भगीरथ प्रयास से कम नहीं है। आतंकी धमकियां मिलने के बाद इसकी सुरक्षा का भार एक बार उसके कंधे पर क्या आया कि अब हर साल उसकी यह जिम्मेदारी बन चुकी है।

प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करने का जिम्मा हर बार की तरह इस बार भी पूरी तरह से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कंधों पर है जिसे अमरनाथ यात्रा के मोर्चे पर दर्जर्नों अधिक अतिरिक्त कम्पनियों को तैनात करना पड़ेगा।

‘यह कार्य कोई आसान नहीं है। जम्मू शहर में श्रद्धालुओं के ठहरने के स्थान से लेकर गुफा तक उन्हें पहुंचाने और फिर वापस लौटाने का टास्क कम मेहनत और खतरों से भरा हुआ नहीं है,’ केरिपुब के अधिकारी कहते हैं। बकौल उनके: ‘पहले से ही राज्य में 200 कम्पनियां थीं सीआरपीएफ की और 174 के करीब अतिरिक्त कम्पनियों को भी अन्य राज्यों तथा रिजर्व कोटे से तैनात करने की तैयारी चल रही है।

सीआरपीएफ के अधिकारी बताते हैं कि, दो कम्पनियां सिर्फ राजमार्ग पर एस्कार्ट के कार्य में लगाई जाएंगी। ‘प्रतिदिन इतने श्रद्धालुओं को लेकर पहलगाम तक पहुंचाने और फिर कुशलता के साथ वापस लाने का टास्क कोई आसान कार्य नहीं है,’ केरिपुब के अधिकारी कहते हैं।

सीरआरपीएफ को जम्मू श्रीनगर राजमार्ग और खन्नाबल से पहलगाम तक के राजमार्ग पर तैनात किया गया जहां सभी हाईवे टाउन में भी उन्हें मोर्चाबंदी करने का आदेश मिला है। आंतरिक सुरक्षा का भार सेना के जिम्मे होगा जिसे राजमार्ग के दोनों ओर मोर्चाबंदी करने के निर्देश मिले हैं।

सीआरपीएफ के अधिकारियों के मुताबिक, सबसे अधिक संवेदनशील इलाका रामबन से बनिहाल का क्षेत्र है। कारण वे स्पष्ट करते हैं कि इसी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकी सीमा पार से आकर कश्मीर तथा डोडा में जाने के लिए करते हैं। ‘वे पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला को पार करने के लिए इस इलाके को इस्तेमाल करते हैं और इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए राजमार्ग के इस भूभाग पर पिछले साल की ही तरह दो अतिरिक्त कम्पनियों को तैनात किया जाएगा,’ अधिकारी कहते हैं।

Web Title: J&K: CRPF 'Bhagirath Attempt' succeeds Amarnath Yatra, officials shared experience

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