JK Assembly Elections 2024: नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सोमवार को जारी अपने घोषणापत्र में 12 ‘गारंटी’ की घोषणा की, जिनमें अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के साथ-साथ 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव का कार्यान्वयन शामिल हैं। जून 2000 में फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर राज्य में 1953 से पहले की संवैधानिक स्थिति बहाल करने की मांग की थी। हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने इसे खारिज कर दिया था।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। यहां संवाददाता सम्मेलन में घोषणापत्र जारी करते हुए नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी केवल वही वादे कर रही है जिन्हें वह पूरा कर सकती है।
उन्होंने घोषणापत्र को पार्टी का दृष्टिकोण दस्तावेज और शासन का रोडमैप बताया। घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘हम अनुच्छेद 370-35ए को बहाल करने तथा पांच अगस्त 2019 से पहले की स्थिति की तरह राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करेंगे।’’ जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरण में चुनाव होंगे। 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे।
जबकि नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राठेर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। इस समिति में पार्टी के श्रीनगर से सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल थे।