बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर जीतन राम मांझी ने नीतीश को बताया "सौ चूहा खाकर बिल्ली चली हज करने वाला"
By एस पी सिन्हा | Updated: December 24, 2023 17:47 IST2023-12-24T17:43:59+5:302023-12-24T17:47:04+5:30
जीतन राम मांझी ने कहा कि जब लोग बाहर से आते हैं तो इससे राज्य को फॉरेन एक्सचेंज मिलता है। उन्होंने कहा कि बिहार में पर्याटन उद्योग पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, केवल कागजों में सरकार कह रही है कि पर्यटन उद्योग आगे बढ़ा है।

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर जीतन राम मांझी ने नीतीश को बताया "सौ चूहा खाकर बिल्ली चली हज करने वाला"
पटना: हम पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी कानून को लेकर अक्सर बयान देते रहते हैं। वह राज्य में शराबबंदी को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर एक बार फिर उन्होंने अपनी आवाज बुलंद करते हुए शराब नीति को लेकर गुजरात की तारीफ भी की है।
उन्होंने कहा कि आज हम गुजरात को धन्यवाद देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गिफ्ट सिटी के नाम पर उन्होंने अपने राज्य में शराब को खुला छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने इस तरह का कदम इसलिए उठाया है क्योंकि लोग बाहर से आते हैं और व्यापार करते हैं। इस दौरान, वह शराब का सेवन भी करते हैं।
मांझी ने कहा कि जब लोग बाहर से आते हैं तो इससे राज्य को फॉरेन एक्सचेंज मिलता है। उन्होंने कहा कि बिहार में पर्याटन उद्योग पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, केवल कागजों में सरकार कह रही है कि पर्यटन उद्योग आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि शराब एक पेय पदार्थ है और इसकी आवश्यकता के अनुसार सेवन फायदेमंद है। इस बात को कई बार कह चुके हैं।
खासकर कामगारों को एक सीमित मात्रा में शराब की आवश्यकता होती है, इसको सदैव कहते रहे हैं। लेकिन हमारे बयान को लेकर सब बोलते हैं तो कि मांझी शराब पीने के लिए बोलते हैं। मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा किे मुख्यमंत्री नीतीश "सौ चूहा खाकर बिल्ली चली हज करने" वाला काम कर रहे हैं।
2005 से 2010 तक इन्होंने घर- घर में शराब बिकवा दिया और अब बनते हैं कि हम ही सबसे बड़े शराब विरोध हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में तो शराबबंदी के कारण पर्यटन क्षेत्र डैमेज हुआ है। बिहार में आज शराबबंदी नहीं होती तो पर्यटकों की संख्या अधिक होती। सरकार भले ही दावा कर रही है कि पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है वह इजाफा सिर्फ कागजों पर ही सीमित है।
गया में जितने विदेशी पर्यटक आ रहे हैं शाम को एक भी पर्यटक गया में नहीं रह रहे हैं। शराब के लिए पर्यटकों को या तो उन्हें यूपी बनारस जाना पड़ता है या फिर झारखंड के हजारीबाग या पश्चिम बंगाल जाते हैं। यदि बिहार में शराबबंदी नहीं होती और यहां शराब मिलता तो पर्यटक यहां रुकते और सरकार को रेवेन्यू का फायदा होता।
वहीं, रात में दस बजे के बाद लाख रुपये का शराब पुरुष और महिलाएं पीती हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। मांझी ने कहा कि भाजपा का अपना स्टैंड है, हमारा अपना स्टैंड है। उन्होंने कहा कि हम बिहार में शराबबंदी नहीं रहने देंगे, अगर रहेगा भी तो गुजरात पैटर्न पर इसे लागू किया जाएगा।