दलितों की गरिमा के मुद्दे पर जीतन राम मांझी और बिहार भाजपा आमने-सामने

By भाषा | Published: September 23, 2021 07:56 PM2021-09-23T19:56:41+5:302021-09-23T19:56:41+5:30

Jitan Ram Manjhi and Bihar BJP face to face on the issue of dignity of Dalits | दलितों की गरिमा के मुद्दे पर जीतन राम मांझी और बिहार भाजपा आमने-सामने

दलितों की गरिमा के मुद्दे पर जीतन राम मांझी और बिहार भाजपा आमने-सामने

पटना, 23 सितंबर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कर्नाटक में मंदिर में आशीर्वाद लेने वाले दलित बच्चे के माता-पिता पर 23,000 रुपये का जुर्माना लगाए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि ‘धर्म के राजनीतिक ठेकेदारों की ज़बान ऐसे मामलों पर चुप हो जाती है।’

मांझी कर्नाटक की उक्त घटना से जुड़ी खबरें साझा करते हुए बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘ये जो हम कह रहे हैं, बस सदियों का दर्द है। गुस्से का अबतक हमने इजहार नहीं किया... धर्म के राजनीतिक ठेकेदारों की ज़बान ऐसे मामलों पर चुप हो जाती है। अब कोई कुछ नहीं बोलेगा क्योंकि धर्म के ठेकेदारों को पसंद नहीं कि दलित मंदिर जाएं, दलित धार्मिक काव्यों पर टिप्पणी करें।’’

माझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) राज्य में सत्तारूढ़ राजग गठबंधन का हिस्सा है। हम प्रमुख की यह टिप्पणी उनके द्वारा मंगलवार को रामायण और भगवान राम को लेकर दिए गए बयान के बाद भाजपा के एक विधायक के पलटवार के बाद आयी है।

स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल करने संबंधी एक प्रश्न पर मांझी ने मंगलवार को कहा था, ‘‘रामायण की कहानी को हम सत्य नहीं मानते हैं।’’

भगवान राम के बारे में उन्होंने आगे कहा था, ‘‘वह महापुरुष और जीवित थे इस चीज को मैं नहीं मानता हूं। मेरा मानना ​​है कि वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास ऐसे महान व्यक्ति थे जो इस तरह के प्रेरक चरित्र के साथ सामने आए।’’

मांझी की इस टिप्पणी पर भाजपा विधायक हरी भूषण ठाकुर बचौल ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि ‘‘उनका नाम जीतन ‘राम’ मांझी की जगह जीतन ‘राक्षस’ मांझी क्यों नहीं रखा गया? जरूर उनके माता-पिता ने भगवान राम के आस्तिव को स्वीकारा और उनकी तरह बनने के लिए उनका नाम जीतन राम मांझी रखा।’’

उन्होंने कहा था कि मांझी को अपने इस कथन के लिए खेद प्रकट करना और माफी मांगनी चाहिए।

बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता उदय नारायण चौधरी से मांझी की उक्त टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने देखा है क्या? काल्पनिक नहीं है तो और क्या है? पृथ्वी पर रहने वाला व्यक्ति सूरज को कैसे निगल जाएगा? (भगवान हनुमान के सूर्य को निगलने की कहानी के संदर्भ में) यह सब काल्पनिक कहानी ही है न।’’

स्कूल के पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल करने संबंधी सवाल पर दलित नेता चौधरी ने कहा कि सरकार रोजी-रोटी, बेरोजगारी, चिकित्सा सुविधा की समस्या को दूर करने तथा गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था करने के बजाए ऐसे ही ‘‘फालतू’’ विषयों को चुनते रहती जिससे लोगों को दिग्भ्रमित किया जा सके।

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Web Title: Jitan Ram Manjhi and Bihar BJP face to face on the issue of dignity of Dalits

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