झारखंड में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का विधेयक पारित
By भाषा | Published: July 26, 2019 02:09 AM2019-07-26T02:09:44+5:302019-07-26T02:09:44+5:30
कांग्रेस ने इस विधेयक का यह कह कर विरोध किया कि राज्य में कुल तीन प्रतिशत सामान्य वर्ग के लोग हैं अतः उनके लिए दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था अनुचित है।
झारखंड विधानसभा ने 25 जुलाई को ध्वनिमत से ‘झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन अधिनियम, 2019’ को अपनी मंजूरी दे दी जिसमें केन्द्र सरकार की नीति के अनुरूप सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े नागरिकों को झारखंड सरकार की सेवाओं में दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। राज्य विधानसभा में आज अपराह्न मुख्य विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदन के बहिष्कार के बीच इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।
कांग्रेस ने इस विधेयक का यह कह कर विरोध किया कि राज्य में कुल तीन प्रतिशत सामान्य वर्ग के लोग हैं अतः उनके लिए दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था अनुचित है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं लोहरदगा से विधायक सुखदेव भगत ने सदन में संशोधन पेश करते हुए कहा कि राज्य में पहले पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाये जाने की व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि राज्य में उनकी संख्या 53 प्रतिशत है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य में सामान्य वर्ग के सिर्फ तीन प्रतिशत लोग हैं अतः उन्हें आर्थिक आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण देना अनुचित है। बाद में सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से अपनी मंजूरी दे दी। यद्यपि राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के दस प्रतिशत गरीब लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था राज्यादेश से 16 जनवरी को ही लागू कर दी थी।