Jharkhand News: तबलीगी जमात के अलावा रोहिंग्याई मुसलमानों पर रखी जा रही नजर, खुफिया जानकारी के बाद सक्रिय हुई पुलिस

By एस पी सिन्हा | Published: April 11, 2020 03:58 PM2020-04-11T15:58:48+5:302020-04-11T15:58:48+5:30

तबलीगी जमातियों की तलाश में पिछले दिनों हुई कई जगहों पर छापेमारी के क्रम में जहां धनबाद के बैंक मोड इलाके में तीन रोहिंग्या मुसलमानों को भी पकड़ा गया था.

Jharkhand News: Apart from Tablighi Jamaat, Rohingya Muslims are being monitored, police activated after intelligence | Jharkhand News: तबलीगी जमात के अलावा रोहिंग्याई मुसलमानों पर रखी जा रही नजर, खुफिया जानकारी के बाद सक्रिय हुई पुलिस

Jharkhand News: तबलीगी जमात के अलावा रोहिंग्याई मुसलमानों पर रखी जा रही नजर, खुफिया जानकारी के बाद सक्रिय हुई पुलिस

Highlightsजमशेदपुर में पकडे़ गए विदेशी नागरिक के मुसाबनी स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में रखे गए हैं. इन पर आरोप है कि इन लोगों ने लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी छिपकर धर्म प्रचार के काम में लगे रहे.

रांची:कोरोना वायरस के कैरियर के रूप में केवल तबलीगी जमात से जुडे लोगों की ही नही बल्कि रोहिंग्याई मुसलमानों पर भी अब संदेह व्यक्त की जाने लगी है. शायद यही कारण है कि खुफिया विभाग ने एक अलर्ट जारी करते हुए तबलीगी जमात के लोगों के अलावे रोहिंग्याई मुसलमानों पर भी नजर रखने की सलाह दी है. जिसके बाद झारखंड के कई हिस्सों में रोहिंग्या मुसलमानों की उपस्थिति और सक्रियता के प्रमाण मिलने के बाद सनसनी फैल गई है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार तबलीगी जमातियों की तलाश में पिछले दिनों हुई कई जगहों पर छापेमारी के क्रम में जहां धनबाद के बैंक मोड इलाके में तीन रोहिंग्या मुसलमानों को भी पकड़ा गया था. वहीं, लोहरदगा में भी कई रोहिंग्या के छिपकर रहने की सूचना मिली है. यहां बता दें कि झारखंड में तबलीगी जमात से जुडे 38 विदेशी नागरिकों व पांच भारतीयों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. इनपर वीजा नियमों का उल्लंघन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत माहामारी नियमों का उल्लंघन, लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने आदि का आरोप लगाया गया है.

इनमें अधिकतर धाराएं गैर जमानतीय है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब ये स्वदेश नहीं लौट पाएंगे. इन्हें क्वारंटाइन से बाहर निकलने के बाद जेल जाना तय माना जा रहा है. तबलीगी जमात से जुडे जिन विदेशी मौलवियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनमें रांची के हिंदपीढ़ी थाने में 17 विदेशी नागरिक व एक भारतीय, जमशेदपुर के मुसाबनी में 11 विदेशी नागरिक व धनबाद के गोविंदपुर थाने में 10 विदेशी सहित 14 लोग शामिल हैं. रांची के हिंदपीढी इलाके के विभिन्न मस्जिदों से पकडे गए सभी विदेशी नागरिक वर्तमान में खेलगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए हैं. जबकि, एक संक्रमित महिला रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में इलाजरत है.

वहीं, जमशेदपुर में पकडे़ गए विदेशी नागरिक के मुसाबनी स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में रखे गए हैं. इनपर आरोप है कि इन लोगों ने लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी छिपकर धर्म प्रचार के काम में लगे रहे. इस मामले में इन्हें आश्रय देने वाले एक शख्स को भी आरोपी बनाया गया है. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि ये विदेशी नागरिक टूरिस्ट वीजा पर भारत में प्रवेश किए और यहां घूमघूमकर धार्मिक प्रचार करते रहे. यह सरासर वीजा नियमों का उल्लंघन है. ये विदेशी नई दिल्ली के निजामुद्​दीन में आयोजित मरकज में भी शामिल हुए और वहां से राज्य के विभिन्न इलाकों के मस्जिदों में पहुंचे. लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने में अहम भूमिका निभाए।.

उधर, खुफिया विभाग के इनपुट पर राज्य पुलिस के अधिकारी सूचना के सत्यापन में जुटे हुए हैं. वहीं रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने वालों की भी तलाश शुरू हो गई है. लोहरदगा के ऐसे 13 लोगों का नाम व पता भी सामने आ चुका है. इन 13 लोगों पर रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों को छिपाने का आरोप है. लोहरदगा के जिन मुहल्लों में बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों के रहने की सूचना पुलिस तक पहुंची है, उनमें लोहरदगा थाना के ईदगाह मुहल्ला, राहत नगर, इस्लाम नगर, जूरिया, सेन्हा के चितरी, कुडू के जीमा व बगडु के हिसरी आदि गांव शामिल हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार बांग्लादेश व बंगाल से सटे जिलों में भी बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों के छिपे होने की जानकारी है. 

यहां उल्लेखेनीय है कि लोहरदगा में पिछले दिनों एनआरसी व सीएए के समर्थन में निकले जुलूस पर हमला हुआ था. इस दौरान लूट, आगजनी व पथराव में पुलिसकर्मियों समेत कई घायल हो गए थे. तनाव को देखते हुए वहां कई दिनों तक कफ्र्यू लगाया गया था. इस बवाल में भी बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों के शामिल होने की आशंका है. सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने इन्हें खोज निकालने के लिए जांच तेज की है. वहीं, झारखंड सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) को यह बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था कि उसकी गतिविधियां आतंकी संगठनों जैसी हैं. 

खुफिया विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में यह जिक्र किया था कि राज्य के पाकुड, साहिबगंज, गोड्डा व दुमका आदि क्षेत्रों में बांग्लादेशी, रोहिंग्या व आतंकी संगठनों को पीएफआइ के सदस्य संरक्षण दे रहे हैं, जो घातक है. ये गौ-तस्करी कर रहे हैं और यहां के पशुओं को गंगा नदी को पार कराते हुए बांग्लादेश तक पहुंचा रहे हैं. अब जबकि कोरोना का कहर जारी है तो पुलिस भी अब तत्परता बरतते हुए इनकी तलाश तेज कर दी है. इसके अलावे अन्य जमातियों की भी तलाश की जा रही है, जो तबलीगी जमात में शामिल होकर आये तो हैं लेकिन सूचना नही देकर छुपे हुए हैं. इनका मोबाईल नंबर भी बन्द मिल रहा है.

Web Title: Jharkhand News: Apart from Tablighi Jamaat, Rohingya Muslims are being monitored, police activated after intelligence

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