मिशनरीज ऑफ चैरिटी में बच्चों की खरीद-फरोख्त के लिए अपनाते थे ये तरीका, पड़ताल में कई नए खुलासे

By एस पी सिन्हा | Updated: July 22, 2018 15:45 IST2018-07-22T15:45:42+5:302018-07-22T15:45:42+5:30

बच्चों की बिक्री का मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बीती तीन जुलाई को कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया था।

Jharkhand: Missionaries of Charity child sale Probe updates, new revealation | मिशनरीज ऑफ चैरिटी में बच्चों की खरीद-फरोख्त के लिए अपनाते थे ये तरीका, पड़ताल में कई नए खुलासे

मिशनरीज ऑफ चैरिटी में बच्चों की खरीद-फरोख्त के लिए अपनाते थे ये तरीका, पड़ताल में कई नए खुलासे

रांची, 22 जुलाई: झारखंड की राजधानी रांची में स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी के "निर्मल हृदय" से बच्चों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच के दौरान परत दर परत राज खुलते जा रहे हैं। जांच के दौरान हर दिन कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही है। पुलिस की ओर से कोर्ट में सौंपी गई केस डायरी में कुंवारी माताओं को ब्लैकमेल करने की बात का भी जिक्र किया गया है।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि निर्मल हृदय में जाने वाली हर अविवाहित महिला को बच्चा सौंपने के लिए ब्लैमेल किया जाता था। उन्हें धमकी दी जाती थी कि जैसे ही बच्चा हो हमको सौंप देना वरना उसकी गोपनीयता जगजाहिर कर दी जाएगी। जब गर्भवती अविवाहित माताएं मान जाती थी तो उन्हें एक टाइप किए गए फॉरमैट पर हस्ताक्षर करवाया जाता था। जिसमें यह इकरारनामा करवाया जाता था कि मैं बच्चे को संस्था को सौंप दूंगी। निर्मल हृदय और बच्चे के लिए मेरा कोई दावा नहीं रहेगा।

यह बातें पुलिस द्वारा सिस्टर कांसिलिया और अनिमा इंदवार से रिमांड पर लेकर पूछताछ के दौरान सामने आई है। बयान सामने आने के बाद पुलिस ने इसका केस डायरी में भी उल्लेख किया है। पुलिस जांच के दौरान सामने आया है कि निर्मल हृदय में जन्मे किसी भी बच्चे को उनकी मां नहीं लेकर जाती थी। जबकि रजिस्टर में लिखा होता था कि वह स्वेच्छा से अपने बच्चों को ले जा रही है। यह बातें पुलिस जांच में लिए गए बयान और गवाहों में सामने आई हैं। 

वहीं, निर्मल हृदय से बच्चा बेचने के आरोप में पूर्व में गिरफ्तार सिस्टर कोंसिलिया और अनिमा इंदवार गर्भवती युवतियों को अपना बच्चा देने के लिए ब्लैकमेल करती थी या नहीं, इस बात की जांच सीआइडी के अधिकारी करेंगे। सीआइडी को मामले से संबंधित केस ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि अबतक सीआइडी ने केस हैंडओवर नहीं लिया है।

उल्लेखनीय है कि सिस्टर व अनिमा पूर्व में पुलिस को यह बता चुकी है कि अविवाहित गर्भवती युवतियों को वे ब्लैकमेलिंग करती थी। गर्भवती युवतियों को इसी शर्त पर रखा जाता था कि वे बच्चा पैदा करने के बाद उसे संस्थान को सौंप देंगे। इंकार करनेवाली गर्भवती को आश्रम में इंट्री नहीं दी जाती थी। 

दोनों ने रिमांड के दौरान पुलिस को यह भी बताया था कि निर्मल हृदय में जन्मे किसी भी बच्चे को उनकी मां नहीं लेकर जाती थी। जबकि रजिस्टर में लिखा होता था कि वे स्वेच्छा से अपने बच्चों को ले जा रही है। पूर्व की पूछताछ में यह भी बात सामने आ चुकी है कि सिस्टर कोंसिलिया ने जेल में ही अनिमा पर जुर्म अपने सिर लेने के लिए दबाव बनाया था। इसके लिए उसने अनिमा के परिवार का भरण-पोषण करने का भी आश्वासन दिया था।

जेल में मिलने गये संस्था के कुछ लोगों ने कोंसिलिया को अपना जुर्म स्वीकार नहीं करने के लिए कहा था। इसके पीछे कितनी सच्चाई है, इस बात का भी सत्यापन भी सीआइडी के अधिकारी करेंगे। यहां बता दें कि बच्चों की बिक्री का मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बीती तीन जुलाई को कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया था।

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Web Title: Jharkhand: Missionaries of Charity child sale Probe updates, new revealation

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