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झारखंड: हेमंत सोरेन सरकार को बड़ा झटका, एनसीपी के अजित पवार गुट ने समर्थन लिया वापस

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 2, 2023 09:40 IST

झारखंड में एनसीपी के इकलौते विधायक कमलेश कुमार सिंह ने हेमंत सोरेन सरकार को अपना समर्थन देने से इनकार कर दिया। हालांकि सोरेन सरकार के पास अब भी बहुमत है।

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ठळक मुद्देझारखंड में एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह ने हेमंत सोरेन सरकार से समर्थन लिया वापस एनसीपी विधायक कमलेश कुमार अजित पवार गुट से आते हैंउन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र भेजकर हेमंत सोरेन से समर्थन वापसी का ऐलान किया

रांची:झारखंड की राजनीति में उस बड़ा उलटफेर हुआ, जब सूबे में इकलौते एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह ने बुधवार को हेमंत सोरेन सरकार को अपना समर्थन देने से इनकार कर दिया। विधायक कमलेश कुमार एनसीपी के अजित पवार गुट से आते हैं। उन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र भेजकर हेमंत सोरेन से समर्थन वापस लेने का औपचारिक ऐलान कर दिया है।

सरकार से समर्थन वापसी के बाद कमलेश कुमार सिंह ने कहा, "जब हमारे नेता विकास कार्यों के लिए जिले का दौरा करते हैं तो उन्हें महत्व नहीं दिया जाता है। मैं बहुत निराश हूं। मुझे उम्मीद थी कि जब मैं सरकार को समर्थन दे रहा हूं तो मेरी बात सुनी जाएगी लेकिन दुर्भाग्य से सरकार ने किसी भी नेता को गंभीरता से नहीं लिया।" 

विधायक कमलेश कुमार ने आगे कहा, "इस कारण से आज हमने यूपीए की हेमंत सोरेन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भी पत् के माध्यम से सूचित कर दिया है कि एनसीपी अब इस सरकार का समर्थन नहीं करती है।''

मालूम हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन में कांग्रेस, राजद और सीपीआई (एमएल) भी हैं, जिनके 81 सदस्यीय विधानसभा में 49 सदस्य हैं। एनसीपी के समर्थन वापस लेने के बावजूद सोरेन सरकार को सदन में बहुमत हासिल रहेगा।

इस बीच झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के लिए केंद्र की आलोचना की।

उन्होंने ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तलब किये जाने के एक दिन बाद कहा, "मौजूदा केंद्र सरकार के तहत विपक्षी दलों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। लोग देख और समझ रहे हैं कि देश की वर्तमान स्थिति क्या है और लोकतंत्र की स्थिति क्या है। इसमें कोई नई बात नहीं है।''

टॅग्स :हेमंत सोरेनझारखंडNCPप्रवर्तन निदेशालय
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