झारखंड हर घर नल जल योजनाः गिरिडीह में 1300 करोड़ रुपये खर्च, 13 घरों तक नहीं पहुंचा पानी
By एस पी सिन्हा | Updated: June 6, 2025 15:02 IST2025-06-06T15:01:24+5:302025-06-06T15:02:16+5:30
Jharkhand Har Ghar Nal Jal Yojana: गिरिडीह में जिला परिषद की बैठक में सदस्यों ने आरोप लगाया कि 1300 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद 13 घरों तक पानी नहीं पहुंचा।

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रांचीः झारखंड में हर घर नल जल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढने की खबरें सामने आ रही हैं। राज्य के गिरिडीह और देवघर जिलों में नल जल योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। कुछ जगहों पर ठेकेदारों ने पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों को तोड़ा और जल आपूर्ति नहीं की, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। गिरिडीह जिले में नल जल योजना का 70 फीसदी काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है, फिर भी लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंचा है। इस मामले को लेकर गिरिडीह में जिला परिषद की बैठक में सदस्यों ने आरोप लगाया कि 1300 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद 13 घरों तक पानी नहीं पहुंचा।
अधिकारियों ने जांच का आश्वासन दिया। जिले के हर प्रखंड में जल जीवन मिशन का बुरा हाल है। किसी भी गांव में जाने पर संवेदक की करतूत और अधिकारियों की मिलीभगत सामने दिखाई देने लगती है। इसी तरह की गड़बड़ी के कारण पीएचईडी वन के कार्यपालक अभियंता कुमार नीरज को पिछले दिनों निलंबित कर दिया गया।
लोगों का आरोप है कि कई गांवों में पाइपलाइन बिछाने के बाद भी पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर के आगे पाइप लाइन बिछा दिया गया लेकिन पानी का कनेक्शन नहीं दिया गया। यह भी पता चला है कि सरकार की साइट में तो इस क्षेत्र के वैसे लाभुकों का नाम भी चढ़ा दिया गया जिनके घर के अंदर पाइप लाइन नहीं पहुंचा।
यहां के लोगों ने बताया कि फंक्शनल हाउस टेप कनेक्शन कर दिया गया तो पानी भी देना चाहिए। पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि अजीत कुमार शर्मा ने बताया कि एक डेढ़ साल से पाइप बिछाया जा रहा है, लेकिन न कनेक्शन दिया जा रहा है और न ही पानी। पंचायत के कई स्थानों पर तो ड्राई बोरिंग करते हुए स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत कई दफा की गई पर कोई सुनने वाला ही नहीं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि ठेकेदारों ने योजना के तहत काम पूरा नहीं किया है, बल्कि केवल टंकी लगाने और पाइप बिछाने की प्रक्रिया में ही लगे रहे हैं। कई गांव ऐसे हैं जहां पाइपलाइन बिछ गई है, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
हाल यह है कि कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हुए हैं, जिससे लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस बीच ग्रामिणों ने आरोप लगाया कि योजना में बंदरबांट हो रही है। लोगों ने शिकायत की है कि उनसे निजी जमीन पर टंकी लगाने के लिए पैसे वसूले जा रहे हैं। इस बीच राज्य के पेयजल मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो ने इन सारी समस्याओं के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेवार ठहराया है।
लोकमत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नल जल योजना के तहत राज्य सरकार और केंद्र सरकार को 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी देनी है। ऐसे में केंद्रांश के 6500 करोड़ की राशि बकाया है। यहां जितने भी काम कराए गए हैं, वह राज्य सरकार ने अपने बलबूते किया है।
महतो ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार अपने हिस्से का बकाया दे देती तो सभी घरों में अब तक जल की आपूर्ति शुरू हो जाती। लेकिन पैसे के अभाव में काम अधूरे पड़े हैं। जहां तक भ्रष्टाचार का आरोप है, यह बिल्कुल बेबुनियाद बात है। इस योजना में कहीं भी गडबडी नही हुई है। अगर तथ्य सामने आए तो राज्य सरकार जांच कराने को तैयार बैठी है।