झारखंड में टिकट के 'उम्मीदवारों' ने चुनावी माहौल को गर्माया, बीजेपी में कट सकता सकता है कई वर्तमान विधायकों का टिकट
By एस पी सिन्हा | Published: November 5, 2019 06:01 PM2019-11-05T18:01:26+5:302019-11-05T18:01:26+5:30
झारखंड चुनाव: कई सीटों पर उम्मीदवार से नाखुश होने का ट्रेंड देख कर ही पार्टियां अक्सर अपने उम्मीदवार को बदल देती है. जिसके कारण पार्टियों में बडे पैमाने पर टिकट कटते हैं.
पर्व- त्योहारों की गहमागहमी के खत्म होने के बाद अब झारखंड में चुनावी पर्व ने माहौल को उत्सवी बना दिया है. सूबे में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही यहां के राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के आवासों पर टिकट पाने की होड़ में नेताओं का जुटने वाला जमावडा देखते ही बन रहा है. यहां पर किसी पर्व- त्योहार से कम उत्सवी माहौल नही लग रहा है. ऐसे में राजनीतिक दल इस चुनाव में जिताऊ उम्मीदवार को लेकर सजग दिख रहे हैं.
झारखंड में कांग्रेस हो या भाजपा या झामुमो सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं के आवासों पर कार्यकर्ताओं की भीड़ टिकट को लेकर जुटने लगी है. वैसे कहा जा रहा है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राज्य से रिपोर्ट लेने के बाद उम्मीदवारों पर फैसला लेगा. सूत्रों का दावा है कि ऐसे में भाजपा कई वर्तमान विधायकों और मंत्रियों के भी टिकट काट सकती है. पार्टी हालांकि अन्य दलों से आए विधायकों को लेकर दबाव में है.
पार्टी के एक सांसद हालांकि इसे सही नहीं मानते. उन्होंने कहा कि पार्टी इन विधायकों को लेकर भी किसी दबाव में नहीं है. इन्हें भाजपा में आने के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है. केंद्रीय नेतृत्व सारी स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. दूसरी ओर, विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर अब तक भले ही पूरी तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन टिकट की आस में कार्यकर्ता प्रदेश स्तर के नेताओं के यहां पहुंचने लगे हैं.
हेमंत सोरेन के घर भी टिकट के लिए 'भीड़'
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर टिकट पाने वाले नेताओं, कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी है. विधायक बनने की चाह में कार्यकर्ता अपने नेताओं के द्वारे-द्वारे घूम रहे हैं. इनमें अधिकांश पार्टी के कार्यकर्ता और युवा शामिल हैं. कहा जा रहा है कि आठ नवंबर को झामुमो पहले चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करेगा. कांग्रेस और झामुमो के अलावा अन्य दलों की स्थिति भी ऐसी ही है. कांग्रेस से टिकट की चाह रखने वाले एक नेता ने कहा कि पार्टी के लिए मेहनत किए हैं तो इसके बदले कुछ तो मिलना चाहिए.
कई सीटों पर उम्मीदवार से नाखुश होने का ट्रेंड देख कर ही पार्टियां अक्सर अपने उम्मीदवार को बदल देती है. जिसके कारण पार्टियों में बडे पैमाने पर टिकट कटते हैं. इस बार भी माना जा रहा है कि भाजपा, कांग्रेस व झामुमो में कई लोगों का टिकट कटेगा और नये चेहरे को मौका दिया जा सकता है. शायद यही कारण है कि अब सभी दल ठोक-पीटकर जीताऊ उम्मीदवारों की खोज में जुटे हैं. भाजपा ने तो बकायदा इसके लिए सर्वे भी कराया है, जिसमें जीताऊ उम्मीदवारों की लिस्ट बनाई जा रही है. जबकि अन्य दल भी बडी ही बारीकी से उम्मीदवारों के चयन में जुटे हुए हैं.
वहीं, भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ मानते हैं कि चुनाव के समय कार्यकर्ताओं की इच्छा टिकट पाने की होती है, और इसमें किसी एक को ही टिकट मिलता है. उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव की तरह 72-73 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सहयोगी दलों के साथ मिलकर सब कुछ तय कर लिया जाएगा.