झारखंड: लोहरदगा में डीएसपी को बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमानों को संरक्षण देने से संबंधित गोपनीय रिपोर्ट देना पड़ा महंगा, हुआ तबादला

By एस पी सिन्हा | Published: April 17, 2020 09:21 PM2020-04-17T21:21:40+5:302020-04-17T21:21:40+5:30

लोहरदगा के डीएसपी जितेंद्र कुमार की एक रिपोर्ट से पूरे प्रदेश में हलचल मची थी. सरकार को नागवार लगा. जिसके बाद जितेन्द्र कुमार सहित चार डीएसपी को सरकार ने आनन-फानन में बदल दिया.

Jharkhand: DSP give confidential report to protection of Bangladeshi-Rohingya Muslims, transfer expensive | झारखंड: लोहरदगा में डीएसपी को बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमानों को संरक्षण देने से संबंधित गोपनीय रिपोर्ट देना पड़ा महंगा, हुआ तबादला

झारखंड: लोहरदगा में डीएसपी को बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमानों को संरक्षण देने से संबंधित गोपनीय रिपोर्ट देना पड़ा महंगा, हुआ तबादला

Highlightsभाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर वर्तमान स्थिति से अवगत कराया.एक वरिष्ठ नेता ने भी हस्तक्षेप किया और इसकी पुलिस अधिकारियों से शिकायत की.

रांची:झारखंड के लोहरदगा में पदस्थापित विशेष शाखा (खुफिया विभाग) के डीएसपी जितेंद्र कुमार को बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमानों को संरक्षण देने से संबंधित गोपनीय रिपोर्ट सरकार को देना महंगा पड़ा है. लोहरदगा के डीएसपी जितेंद्र कुमार की एक रिपोर्ट से पूरे प्रदेश में हलचल मची थी. सरकार को नागवार लगा. जिसके बाद जितेन्द्र कुमार सहित चार डीएसपी को सरकार ने आनन-फानन में बदल दिया.


प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके द्वारा दी गई गोपनीय रिपोर्ट बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमानों को संरक्षण देने से संबंधित थी. जिसमें लोहरदगा के विभिन्न इलाकों के 13 लोगों पर इन रोहिंग्या-बांग्लादेशी मुसलमानों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए जितेंद्र कुमार ने एडीजी विशेष शाखा से रिपोर्ट की थी. इस रिपोर्ट पर लोहरदगा की एड-हॉक अंजुमन इस्लामिया ने आपत्ती जताते हुए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई के मांग की थी. इसके बाद सरकार ने जितेंद्र कुमार को वहां से हटाते हुए पलामू में विशेष शाखा का डीएसपी बना दिया है. 

विभाग के एडीजी आरके मल्लिक ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. बताया जाता है कि उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए लोहरदगा की एड-हॉक अंजुमन इस्लामिया ने डीजीपी को पत्र लिखकर रिपोर्ट को दुर्भावना से ग्रस्त बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट पर राजनीति भी हुई. 

एक वरिष्ठ नेता ने भी हस्तक्षेप किया और इसकी पुलिस अधिकारियों से शिकायत की. इसके बाद पुलिस मुख्यालय को उनके आगे झुकना पडा और यह कार्रवाई करते हुए आनन-फानन में उन्हें वहां से हटा दिया गया. यही नही वहां से चार डीएसपी को भी चलता कर दिया गया. 

उधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर वर्तमान स्थिति से अवगत कराया. जिसमें उन्होंने लिखा है कि लॉक डाउन के दौरान झारखंड सरकार के पदाधिकारियों द्वारा लिए जा रहे असंवैधानिक निर्णय हैरान करने वाले हैं. ऐसा लगता है कि पदाधिकारियों के ऊपर राज्य के मंत्रीगण और सत्त्ताधारी गठबंधन दल के नेताओं के द्वारा गैर कानूनी दबाव बनाया जा रहा है. भाजपा यह महसूस कर रही है कि राज्य में सरकारी तंत्र विफल हो चुका है. जबकि डीएसपी जितेंद्र कुमार सहित चार डीएसपी के तबादले को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा ये तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है. 

लोहरदगा के सांप्रदायिक दंगों ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था. स्पेशल ब्रांच के डीएसपी ने 29 फरवरी को ही मुख्यालय को रिपोर्ट भेज कर इन दंगों में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के हाथ होने की बात कही थी. साथ ही लोहरदगा के 13 लोगों पर इन्हें संरक्षण देने की भी बात कही थी. संरक्षकों में सत्ताधारी गठबंधन के घटक दल कांग्रेस के नेताओं और उनके रिश्तेदारों का भी नाम था.

उन्होंने कहा कि सरकार को इस रिपोर्ट पर संज्ञान लेना चाहिए था. लेकिन इसके उल्टा हेमंत सरकार ने लोहरदगा के अंजुमन इस्लामिया कमेटी के द्वारा इस रिपोर्ट के खिलाफ 11 अप्रैल को लिखे गए पत्र के आलोक में 4 दिन के भीतर ही लोहरदगा के विशेष शाखा के उपाधीक्षक सहित कुल चार उपाधीक्षकों का तबादला कर दिया. हिन्दपीढी मॉडल की तर्ज पर ही लोहरदगा में भी सरकार ने स्पेशल ब्रांच में अल्पसंख्यक अफसर की नियुक्ति की. प्रतुल ने कहा कि लोहरदगा में शांतिपूर्ण जूलूस पर हुए हमले के कारण हुए दंगों के बाद जब 20 दिन तक कर्फ्यू था तो मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा था कि ऐसी छोटी मोटी घटनाएं होती ही रहती हैं.

यह बयान पूरे सरकार की बहुसंख्यक समाज के प्रति सोच को दिखाता है. प्रतुल ने कहा कि भाजपा मानती है कि इस तरीके से विदेशियों की उपस्थिति की रिपोर्टिंग करने वाले अफसरों के तबादले से पुलिस बल का मनोबल टूटेगा. प्रतुल ने कहा की हेमंत सरकार ने तुष्टीकरण की सारी हदें पार कर दी हैं और अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए गैर वाजिब कदम उठा रहे हैं. प्रदेश भाजपा अति शीघ्र भारत सरकार के माननीय गृह मंत्री से इस पूरे मसले की एनआईए जांच करवाने की मांग भी रखेगी.

Web Title: Jharkhand: DSP give confidential report to protection of Bangladeshi-Rohingya Muslims, transfer expensive

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