झारखंड: कांग्रेस विधायिका दीपिका पांडेय की दंबगई से थानेदार हुए परेशान, अपने ट्रांसफर के लिए किया निवेदन
By एस पी सिन्हा | Published: April 25, 2020 06:41 PM2020-04-25T18:41:21+5:302020-04-25T18:41:21+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार महगामा विधानसभा क्षेत्र में पडने वाले पांच थाना प्रभारी ने स्थानीय विधायक पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपने स्थानांतरण की मांग की है.
रांची: झारखंड के गोड्डा जिले के महगामा विधानसभा क्षेत्र से सत्तारूढ दल कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय सिंह इस वक्त चर्चा में हैं. पुलिसकर्मियों ने उनपर दबंगई का आरोप लगाते हुए अपने वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारियों से पनाह मांगी है. उनके विधायक बनने के चार माह के बाद महगामा विधानसभा क्षेत्र के पांच थाना प्रभारी समेत और पुलिस वालों ने गोड्डा के पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र बर्णवाल को पत्र भेजा है. अनुरोध किया है, 'साहब...विधायक बेइज्जत करती हैं, हमें महगामा विधानसभा क्षेत्र से हटा दीजिए.'
प्राप्त जानकारी के अनुसार महगामा विधानसभा क्षेत्र में पडने वाले पांच थाना प्रभारी ने स्थानीय विधायक पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपने स्थानांतरण की मांग की है. इस संबंध में एसपी व पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष को आवेदन दिया है. एक ओर जहां गोड्डा एसपी शैलेंद्र वर्णवाल ने कार्रवाई करते हुए महागामा थानेदार बलिराम रावत को निलंबित कर दिया है, वहीं क्षेत्र के पांचों थानों के थाना प्रभारी सहित सभी स्टाफ ने मोर्चा खोल दिया है. एसपी को लिखे पत्र में इन्होंने अपना तबादला विधानसभा क्षेत्र से बाहर करने की मांग की है.
आवेदन में थाना प्रभारियों के साथ पुलिसकर्मियों ने भी अपनी मांग रखी है कि महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के संक्रमण काल में महगामा अनुमंडल क्षेत्र को छोडकर अन्य अनुमंडल में स्थानांतरण किया जाये ताकि वो अपने आत्म सम्मान के साथ दायित्वों का निर्वहन कर सकें.
पुलिसकर्मियों की मांग है कि लगातार महगामा विधायक और उनके कार्यकर्ता बात-बात पर निलंबन कराने की धमकी देती हैं. जिससे उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंच रहा है. इन थाना प्रभारियो में मुख्य रुप से महगामा, मेहरमा, हनवारा, बेलबड्डा व ठाकुरगंगटी थाना के नाम शामिल है.
बताया जाता है कि विधायक दीपिका पांडेय सिंह की शिकायत के बाद महगामा थाना प्रभारी बलिराम रावत को एसपी द्वारा निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने बुधवार की रात एक टीवी पत्रकार के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा करते हुए धरना दिया था.
विधायक दीपिका पांडे सिंह ने अपने कार्यकर्ता को एक चैनल के पत्रकार अर्णब गोस्वामी द्वारा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर अभद्र टिप्पणी के मामले पर बुधवार रात महागामा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने भेजा था. थानेदार द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर विधायक स्वयं थाना पहुंचीं और धरने पर बैठ गईं. घटना की सूचना मिलने पर गोड्डा एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल रात करीब 1 बजे महागामा थाना पहुंचे और विधायक से मामले की जानकारी ली.
विधायक थाना प्रभारी को हटाने की मांग पर अडी थीं. एसपी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ. उनकी मांग पर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया. इस विवाद को सुलझाने गुरुवार को दुमका डीआईजी राजकुमार लकडा महागामा पहुंचे. उन्होंने घटना को लेकर पुलिस पदाधिकारियों एवं विधायक दीपिका पांडे से बातचीत की. विधायक दीपिका पांडे सिंह ने डीआईजी से कहा कि जब एक जनप्रतिनिधि केस दर्ज कराने थाना पहुंचती हैं तो थाना प्रभारी टाल-मटोल करते हैं तो आम लोगों के साथ क्या होगा?
उस दौरान एसपी ने थाने पहुंचकर विधायक के मांग पर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया था. इसके बाद निलंबित किये जा चुके महगामा थानेदार बलिराम रावत, मेहरमा थाना प्रभारी ललित पांडेय, हनवारा थानेदार सूरज कुमार, बलबड्डा थाना प्रभारी अरुण कुमार और ठाकुरगंगटी थानेदार तपन पाणिग्रही ने झारखंड पुलिस एसोसिएशन के बैनर तले खुद को दूसरी जगह भेजने का आग्रह किया है.
वहीं, महगामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह के खिलाफ झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने विधानसभा अध्यक्ष, गृह सचिव व डीजीपी को पत्र लिखकर विधायक के खिलाफ विधि-सम्मत कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. विधानसभा अध्यक्ष, गृह सचिव व डीजीपी को भेजे शिकायती पत्र में एसोसिएशन ने यह कहा है कि अगर विधायक दीपिका पांडेय सिंह पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे लॉकडाउन की समाप्ति के बाद राज्यस्तरीय बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. विधायक पर 50-60 समर्थकों के साथ महगामा थाने में हंगामा करने, जबरन महगामा थाना प्रभारी को निलंबित कराने व अपने क्षेत्र के थानेदारों को धमकाने का आरोप है.
झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने लॉकडाउन का उल्लंघन कर अपने समर्थकों के महगामा थाना पहुंचने, धरना पर बैठने आदि के मामले में विधायक दीपिका पांडेय सिंह पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने को भी कहा है ताकि न्याय हो सके. झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिसकर्मी द्वारा अगर कोई लापरवाही बरती जाती है तो उसके लिए नियम संगत कार्रवाई पुलिस अधीक्षक द्वारा किया जाता है. विधायक द्वारा इस तरह से अपने पद का दुर्व्यवहार करना दुर्भाग्यपूर्ण है. झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन इसका निंदा करता है.