सीबीआई अधिकारी ने सीनियर पर फर्जी एनकाउंटर में शामिल होने का लगाया आरोप, PMO को भी भेजी चिट्ठी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 27, 2019 14:11 IST2019-09-27T14:09:58+5:302019-09-27T14:11:19+5:30
डिप्टी एसपी एनपी मिश्रा ने आरोप लगाया है कि सीबीआई में संयुक्त निदेशक (एडमिनिस्ट्रेशन) एके भटनागर झारखंड में फर्जी मुठभेड़ में शामिल रहे हैं। उन्होंने भटनागर को कार्यालय से हटाने की भी मांग की है।

सीबीआई अधिकारी ने सीनियर के खिलाफ लगाये फर्जी एनकाउंटर में शामिल होने के आरोप
देश की सबसे शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई में एक बार फिर दो अधिकारियों के बीच विवाद की स्थिति बनती नजर आ रही है। सीबीआई के एक अधिकारी ने एक शीर्ष अधिकारी के खिलाफ 14 लोगों के फर्जी एनकाउंटर में शामिल होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी भेजी है। पिछले साल भी सीबीआई में एक घमासान देखने को मिला था जब सीबीआई के तब के डायरेक्टर आलोक वर्मा और उनके डिप्टी, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाये थे।
ताजा मामले में डिप्टी एसपी एनपी मिश्रा ने आरोप लगाया है कि सीबीआई में संयुक्त निदेशक (एडमिनिस्ट्रेशन) एके भटनागर झारखंड में फर्जी मुठभेड़ में शामिल रहे हैं। साथ ही एनपी मिश्रा ने एके भटनागर को उनके कार्यालय से हटाने की भी मांग की है। एनपी मिश्रा ने 25 सितंबर को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है, 'एके भटनागर जो वर्तमान में सीबीआई में जेडी (एडमिनिस्ट्रेशन) के तौर पर काम कर रहे हैं, वह झारखंड में 14 निर्दोष लोगों के एनकाउंटर में शामिल रहे हैं। यह भी समझा जाता है कि इन सभी केस से संबंधित जांच सीबीआई के एससी-आई ब्रांच में जारी है।'
प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा यह चिट्ठी सीबीआई प्रमुख और सीवीसी के पास भी भेजी गई है। एनपी मिश्रा ने अलग से भी पांच पन्नों की शिकायत सीवीसी के पास भेजी है। एनपी मिश्रा ने कहा है कि पीड़ितों के परिवार वाले पहले ही इस मामले में शिकायत दर्ज करा चुके हैं। साथ ही एनपी मिश्रा ने भटनागर के कई भ्रष्ट कार्यों में लिप्त होने का भी इशारा किया है। एनपी मिश्रा का दावा है कि कई लोगों ने इस संदर्भ में अधिकारियों से शिकायत की है।
एनडीटीवी वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार नहीं है जब एनपी मिश्रा ने जांच एजेंसी के किसी अधिकारी के खिलाफ शिकायत की है। उन्होंने पिछले साल भी छत्तीसगढ़ में पत्रकार उमेश राजपूत के मर्डर केस जांच में 'भ्रष्टाचार और सबूतों के साथ छेड़छाड़' के आरोप सीबीआई के कुछ अधिकारियों पर लगाये थे। हालांकि, एजेंसी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।
एनपी मिश्रा ने अपने ट्रांसफर को भी दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर सुनवाई 1 अक्टूबर को होनी है। वह फिलहाल सीबीआई के उस डिविजन में कार्यरत हैं जो इंटरपोल के जरिये भगौड़ो के प्रत्यर्पण के काम देखती है।