केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाला आर्टिकल 370 खत्म करने की पेशकश की है। आज (6 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में पेश हुआ। इस मामले पर लोकसभा में चर्चा जारी है। इसी बीच NDA की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने लोकसभा से वॉकआउट किया है। जेडीयू एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ इस मुद्दे पर अलग खड़ी हुई है। बीते दिन राज्य सभा में भी जेडीयू ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का समर्थन नहीं किया था।
जेडीयू नेता ललन सिंह ने कहा है, हम 370 जैसे विवादास्पद मुद्दे से छेड़छाड़ का हिस्सा नहीं बन सकते, इसलिए हम सदन का बहिष्कार करते हैं।
जेडीयू ने राज्य सभा में इसे देश के लिए काला दिन बताया था। साथ ही कहा था कि यह लोकतंत्र की हत्या जैसा है। बिहार में उद्योग मंत्री और जदयू नेता श्याम रजक ने खुलकर जम्मू-कश्मीर विधेयक का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का प्रस्ताव का हम पूरी तरह से विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए काला दिन है। श्याम रजक ने भाजपा के इस प्रस्ताव को लोकतंत्र की हत्या की संज्ञा दी है।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों को विभाजित करने से संबंधित संकल्प और विधेयक पास कराने के लिए लोकसभा में चर्चा जा रही है। इससे पहले राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी है।