नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून पर जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने उठाया सवाल, कहा-बिहार में...
By एस पी सिन्हा | Published: November 10, 2022 05:48 PM2022-11-10T17:48:51+5:302022-11-10T17:50:50+5:30
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर मैं शराबबंदी के सफल होने का दावा करूं तो यह गलत होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए आम जनता को जागरूक होना होगा। जनता जब तक नहीं चाहेगी तब तक शराबबंदी सफल नहीं होगी।
पटना: बिहार में शराबबंदी को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सेक्यूलर के संरक्षक जीतन राम मांझी तो कईबार नीतीश सरकार को आईना दिखा चुके हैं और गरीबों पर होने वाली ज्यादती को भी बता चुके हैं। लेकिन अब जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी शराबबंदी पर सवाल उठाया है।
कुशवाहा भी शराबबंदी कानून से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि बिहार में शराबबंदी असफल है और सरकार के चाहने भर से शराबबंदी नहीं हो सकती। कुशवाहा ने कहा कि अगर मैं शराबबंदी के सफल होने का दावा करूं तो यह गलत होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए आम जनता को जागरूक होना होगा। जनता जब तक नहीं चाहेगी तब तक शराबबंदी सफल नहीं होगी।
कुशवाहा ने कहा कि सिर्फ सरकार के कहने से शराबबंदी सफल नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि पीने और बेचने वालों के बीच एक कड़ी होती है। यह कड़ी तोड़ दिया जाए, तो ऐसे ही रास्ता रुक जाएगा। बिहार में शराब बिक्री बंद हो जाए तो लोग शराब पीना छोड़ देंगे। कुशवाहा ने कहा कि सरकार की तरफ से शराबबंदी को लेकर किए जा रहे दावे हकीकत से कोसों दूर है। राज्य में शराब बंदी लागू किए वर्षों बीत चुके हैं। इसके बावजूद हर जगह शराब मिल रही है।
इस तरह से उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान से नीतीश कुमार के दावे हवा हो गए हैं। इससे पहले जीतन राम मांझी ने थोड़ी-थोड़ी शराब पीने वालों की वकालत करते हुए कहा था कि शराबबंदी कानून के कारण कई ऐसे गरीब लोग जेल में बंद हैं जो आधा लीटर या क्वार्टर लीटर दारू पीकर पकड़े गए हैं। यह अन्याय है, ऐसा नहीं होना चाहिए इस पर समीक्षा होनी चाहिए। ऐसे लोगों को नहीं पकड़ना चाहिए।