पटना: बिहार में नीतीश कुमार बनाम प्रशांत किशोर के बीच जारी सियासी खींचतान के बीच जदयू ने प्रशांत किशोर पर एक बार फिर हमला बोला है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग धंधा करते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीके के बारे में जो भी कहा है, वह बिल्कुल सच है। ये बात भी पूरी तरह सच है कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री के पास प्रस्ताव लेकर पहुंचे थे कि जदयू का कांग्रेस में विलय करा दीजिए।
ललन सिंह ने कहा कि पीके चाहते थे कि पार्टी में वही हो, जो वह कहें। लेकिन जदयू में सब कुछ आपसी रजामंदी और सलाह-मशविरा से होता है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की लालसा उप मुख्यमंत्री बनने की थी। ललन सिंह ने बताया कि उन्होंने पीके से उस वक्त कहा था कि सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री हैं, ऐसे में दूसरा कोई कैसे उप मुख्यमंत्री हो सकता है। यदि मंत्री बनना चाहते हैं तो कहें।
ललन सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर अभी भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस वक्त प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जदयू का कांग्रेस में विलय कराने का प्रस्ताव लेकर पहुंचे थे, उस वक्त हम भी वहीं मौजूद थे। नीतीश कुमार ने साफ तौर पर मना कर दिया था कि इस तरह की बात मत करिये। अगर आपको जदयू में शामिल होकर काम करना है तो पार्टी के अनुशासन का पालन कर आप कर सकते हैं।
वहीं, नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा समाज को आरक्षण को लेकर ललन सिंह ने सुशील कुमार मोदी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा की सुशील कुमार मोदी इसलिए बोल रहे हैं की वह पुरे बिहार में एक्सपोज हो गए हैं की भाजपा आरक्षण विरोधी है। भाजपा ने इस आरक्षण को खत्म कराने की साजिश की।
उन्होंने कहा की सुशील मोदी का हमने प्रेस कांफ्रेंस देखा है। जिसमें उन्होंने कहा की अति पिछड़ा वर्ग प्रधानमंत्री मोदी के साथ है। क्यों बिहार के अति पिछड़ा वर्ग के लोग पीएम के साथ होंगें? उनके शक्ति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। अति पिछड़ों की पहचान नीतीश कुमार हैं। ललन सिंह ने कहा की गुजरात में 2021 में हुए चुनाव में भी आरक्षण नहीं था। वहां भी भाजपा ने आरक्षण खत्म करा दिया और बिहार में खत्म कराने की साजिश की गयी है। भाजपा का चेहरा आरक्षण विरोधी है।