प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट के शपथ ग्रहण के बाद एक हफ्ते के भीतर ही जेडीयू और बीजेपी में अनबन दिख रहा है। रविवार को बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि अब पार्टी कभी एनडीए के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होगी।
उन्होंने कहा 'हमें जो प्रस्ताव दिया गया था वह पार्टी के लिए अस्वीकार्य था। इसलिए हमने यह फैसला लिया है कि भविष्य में अब कभी भी जेडीयू एनडीए के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होगी और यह हमारा अंतिम फैसला है।'
वहीं, रविवार को ही बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सफाई देते हुए ट्वीट किया 'नीतीश कुमार ने खाली मंत्री पद भरने के लिए बीजेपी की पेशकश की। लेकिन बीजेपी ने इसे भविष्य में भरने का फैसला किया है।'
नीतीश कुमार का मंत्रिमंडल विस्तार
बता दें कि नीतीश कुमार ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया जिसमें कुल 8 नेताओं को जदयू कोटे से मंत्री बनाया गया है। इनमें नरेंद्र नारायण यादव, श्याम रजक, अशोक चौधरी, बीमा भारती, संजय झा, रामसेवक सिंह, नीरज कुमार और लक्ष्मेश्वर राय के नाम शामिल हैं। बीते दिनों मोदी कैबिनेट में नहीं शामिल होने का फैसला लेकर नीतीश कुमार ने सबको चौंका दिया था।
नीतीश कुमार ने भी मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी के किसी सदस्य को जगह नहीं दी है। विधानसभा चुनाव 2020 में होने हैं और इससे पहले नीतीश ने जातीय समीकरण को साधने का भरसक प्रयास किया है।
हालांकि 30 मई को नरेंद्र मोदी कैबिनेट के शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद पटना लौटे बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी चाहती थी कि हम सरकार में सांकेतिक भागीदारी निभाएं। पटना लौटने पर उन्होंने जेडीयू के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने को लेकर कहा कि वे बीजेपी के साथ हैं। वह एनडीए में शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कहा कि हम सांकेतिक तौर पर सरकार में शामिल होना नहीं चाहते हैं।