जयंती विशेषः कभी इंदिरा को बुलाते इंदु थे जयप्रकाश नारायण, तानाशाही पर देशभर में खड़ा कर दिया जनआंदोलन

By रामदीप मिश्रा | Published: October 11, 2019 07:04 AM2019-10-11T07:04:09+5:302019-10-11T07:04:09+5:30

इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद जेपी सहित 600 से भी अधिक विरोधी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। इसके अलावा प्रेस को सेंसर कर दिया गया था। जेल में बंद रहते समय जेपी का स्वास्थ्य गड़बड़ा गया था और मजबूर होकर सरकार को उन्हें सात महीने बाद रिहा करना पड़ा।

Jayaprakash Narayan birthday anniversary photos quotes biography history in hindi | जयंती विशेषः कभी इंदिरा को बुलाते इंदु थे जयप्रकाश नारायण, तानाशाही पर देशभर में खड़ा कर दिया जनआंदोलन

File Photo

Highlightsभारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता रहे लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) की आज जयंती है।उनका जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को बिहार के सारण जिले में हुआ था।

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता रहे लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) की आज जयंती है। उनका जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को बिहार के सारण जिले में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम प्रभावती था, जोकि महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ आश्रम में रहीं थीं। जयप्रकाश नारायण को इंदिरा गांधी की कुछ नीतियों का धुर विरोधी कहा गया, लेकिन शुरुआती समय में वह उन्हें इंदु कहकर बुलाते थे। 

हर पत्र में 'माई डियर इंदु' कहकर किया संबोधित 

बीबीसी की एक रिपोर्ट में उनके करीबी रहे रज़ी अहमद के हवाले से कहा गया कि जेपी की ट्रेनिंग आनंद भवन में करवाई गई थी। उस समय इंदिरा गांधी बहुत छोटी थीं। जेपी ने जितने पत्र इंदिरा गांधी को लिखे उन सभी में 'माई डियर इंदु' कहा है, केवल एक पत्र में उन्होंने  'माई डियर प्राइम मिनिस्टर' कहकर संबोधित किया। यह पत्र उन्होंने उन्होंने जेल से लिखा था। 

जेपी ने जनआंदोलन किया खड़ा

आजादी के बाद जयप्रकाश नारायण 1960 के दशक के आखिरी दिनों में राजनीति में सक्रीय हो गए थे और उन्होंने 1974 आते-आते बिहार में किसानों का एक विशाल आन्दोलन खड़ा कर दिया था वह इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के खिलाफ थे। पटना के गांधी मैंदान में जून 1974 को विशाल सभा में आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने 'सम्पूर्ण क्रान्ति' का ऐलान किया था और देश की गिरती हालत, प्रशासनिक भ्रष्टचार, महंगाई, बेरोजगारी, अनुपयोगी शिक्षा पध्दति जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया था। जेपी के इस आंदोलन ने सत्ता को हिला दिया था और यही वजह रही कि उनके नेतृत्व में पीपुल्स फ्रंट ने गुजरात राज्य का चुनाव जीत लिया था। 

इंदिरा गांधी ने जेपी को भेजा जेल

इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद जेपी सहित 600 से भी अधिक विरोधी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। इसके अलावा प्रेस को सेंसर कर दिया गया था। जेल में बंद रहते समय जेपी का स्वास्थ्य गड़बड़ा गया था और मजबूर होकर सरकार को उन्हें सात महीने बाद रिहा करना पड़ा। इसके बाद भी वह इंदिरा गांधी के विरोध करते रहे और 1977 में उनके प्रयासों के चलते ही इंदिरा गांधी को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा।   

जेपी का 1979 में हुआ निधन

जेपी का निधन 8 अक्टूबर, 1979 को उनके निवास स्थान पटना में हुआ था। बताया गया है कि हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था, जिसके चलते उनका निधन हुआ था। उन्हें समाजसेवा के लिए 1965 में मैगससे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जेपी को 1998 में मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया। उनके नाम से पटना हवाई अड्डे का नाम रखा गया। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने भी एक अस्पताल का नाम 'लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल' रखा।

English summary :
Today is the birth anniversary of Loknayak Jayaprakash Narayan (JP), an Indian freedom fighter and politician. He was born on 11 October 1902 in Saran district of Bihar. His wife's name was Prabhavati.


Web Title: Jayaprakash Narayan birthday anniversary photos quotes biography history in hindi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे