Jan Aushadhi Sugam app: लॉकडाउन में 3.25 लाख से अधिक कर रहे उपयोग, पूरे देश में 6,300 से अधिक केंद्र

By भाषा | Updated: April 30, 2020 15:25 IST2020-04-30T15:25:31+5:302020-04-30T15:25:31+5:30

रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने इसकी शुरुआत की थी और उन्‍होंने घोषणा की कि अब जन औषधि सुविधा ऑक्‍सो-बायोडीग्रेडेबल सेनेटरी नैपकीन 1 रुपये प्रति पैड की दर से उपलब्‍ध होंगे। जन औषधि सुविधा ऑक्‍सो-बायोडीग्रेडेबल सेनेटरी नैपकीन की घोषणा करते हुए कहा कि इस सबंध में 1 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा दिया गया आश्‍वासन अब पूरा हो गया है।

Jan Aushadhi Sugam app 3.25 lakhs use lockdown 6,300 centers across country | Jan Aushadhi Sugam app: लॉकडाउन में 3.25 लाख से अधिक कर रहे उपयोग, पूरे देश में 6,300 से अधिक केंद्र

अभी पूरे देश में 6,300 से अधिक जनऔषधि केंद्र 726 जिलों में सेवाएं मुहैया करा रहे हैं। (file photo)

Highlightsजनऔषधि केंद्र में सस्ती जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता और उनकी कीमत पता करने में मदद मिल रही है। लोगों को सस्ती कीमत पर 900 से अधिक गुणवत्तायुक्त जेनेरिक दवाएं और 154 सर्जिकल उपकरण तथा उपभोग की अन्य वस्तुएं उपलब्ध करा रही है।

नई दिल्लीः सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश भर में लागू लॉकडाउन (बंद) के बीच नजदीकी जनऔषधि केंद्र तक पहुंचने के लिए 3.25 लाख से अधिक लोग 'जनऔषधि सुगम' मोबाइल एप का उपयोग कर रहे हैं।

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस एप के जरिये लोगों को नजदीकी जनऔषधि केंद्र में सस्ती जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता और उनकी कीमत पता करने में मदद मिल रही है। यह एप भारतीय पीएसयू फार्मा ब्यूरो (बीपीपीआई) ने तैयार की है।

बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री भारतीय जनशताब्दी परियोजना (पीएमबीजेपी) लोगों को सस्ती कीमत पर 900 से अधिक गुणवत्तायुक्त जेनेरिक दवाएं और 154 सर्जिकल उपकरण तथा उपभोग की अन्य वस्तुएं उपलब्ध करा रही है। अभी पूरे देश में 6,300 से अधिक जनऔषधि केंद्र 726 जिलों में सेवाएं मुहैया करा रहे हैं।

कोरोना से संक्रमित बच्चों के बीच रचनात्मक किट वितरित

जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों को रचनात्मक कार्य के जरिये कुछ सीखने के लिये एक स्वयंसेवी संस्थान ने ‘एक्टिविटी किट’ वितरित किये हैं। अस्पताल के कोरोना वायरस वार्ड में भर्ती बच्चों के अलावा अन्य पृथक-वास केंद्रों में रह रहे बच्चों को भी किट उपलब्ध कराये गये हैं।

बच्चों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में व्यस्त रखने के लिये बनाये गये विशेष किट में अभ्यास पुस्तिका, कहानी और ड्राईंग अभ्यास पुस्तिका, कॉमिक्स और मैगज़ीन, पहेलियां, मोम के रंग, स्केच पेन, पेन और पेनसिल, रबड और शिल्प बनाने के अन्य सामान शामिल हैं। मित्र फाउंडेशन के सचिव रितेश शर्मा ने पीटीआई—भाषा को बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पृथक-वास में रखे गये बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखना इसका उद्देश्य है।

उन्हें सवाई मानसिंह चिकित्सालय के एक चिकित्सक से पता चला कि कोरोना वायरस वार्ड में भर्ती बच्चों के लिये समय व्यतीत करना और उनके साथ कुछ समय बिताना बडा मुश्किल होता है। इसलिये हमने उन्हें व्यस्त रखने के लिये एक अभ्यास पुस्तिका विकसित करने का निर्णय किया।

उन्होंने बताया कि अभ्यास पुस्तिका में 11 पृष्ठ हैं जिसमें बच्चे अपने विचार लिख सकते है। अपने बारे में लिख सकते है, अपने माता पिता और खुद को पत्र लिख सकते है। उन्होंने बताया कि सामग्री को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे आसानी से खुद को इससे जोड़ सकते हैं। जब तक वे ठीक नहीं हो जाते हैं तब तक उन्हें वार्ड में कम से कम 14 दिनों तक रहना है इसलिए युवा दिमाग को कुछ अच्छी और सकारात्मक चीजें प्रदान करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि ऐसे 200 किट डिजाइन किये गये है उनमें से 35 किट सवाई मानसिंह चिकित्सालय में वितरित कर दिये गये है।

 

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