जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025ः उपसभापति हरिवंश को अंशुमन भगत ने भेंट की पुस्तक “एक सफ़र में”, कलाकार, लेखक और दिग्गज शामिल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 22, 2025 11:23 IST2025-12-22T11:11:02+5:302025-12-22T11:23:32+5:30
Jamshedpur Literature Festival 2025: मनोरंजन जगत से जुड़े रचनात्मक संघर्ष, अनुभवों, असमंजस और भीतर चलने वाली भावनात्मक यात्राओं को संवेदनशील और यथार्थपरक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 में उपसभापति हरिवंश राय जी को लेखक अंशुमन भगत ने भेंट की पुस्तक “एक सफ़र में”
Jamshedpur: कला और साहित्य के साझा मंच के रूप में पहचान बना चुके जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 ने इस वर्ष शहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रचनात्मक संवाद से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संदीप मुरारका और विद्या दीप फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह दो दिवसीय कार्यक्रम साहित्य और कला का समृद्ध अनुभव प्रदान करने वाला रहा, जिसमें देश-विदेश से कई महान कलाकार, लेखक और दिग्गज शामिल हुए। फेस्टिवल के दौरान स्थानीय लेखकों की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित किया कि जमशेदपुर साहित्यिक दृष्टि से लगातार सशक्त होता जा रहा है।
बिष्टुपुर में आयोजित जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने साहित्य की भूमिका पर गहन विचार रखे।
— DD News Jharkhand | डीडी न्यूज झारखंड (@ddnewsjharkhand) December 21, 2025
उन्होंने कहा कि साहित्य समाज की आत्मा है और संवाद व लोकतंत्र को मजबूत करता है।
साहित्य आमजन की पीड़ा, संघर्ष और आकांक्षाओं को स्वर देता है।
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इसी क्रम में फेस्टिवल के एक महत्वपूर्ण सत्र में जमशेदपुर के लेखक अंशुमन भगत ने अपनी पुस्तक “एक सफ़र में” देश के उपसभापति हरिवंश राय जी को भेंट की। यह अवसर आयोजन के प्रमुख क्षणों में शामिल रहा, जिसने लेखन को नए राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का कार्य किया। “एक सफ़र में” पुस्तक बॉलीवुड और टेलीविज़न इंडस्ट्री की पृष्ठभूमि पर आधारित है।
इसमें मनोरंजन जगत से जुड़े रचनात्मक संघर्ष, अनुभवों, असमंजस और भीतर चलने वाली भावनात्मक यात्राओं को संवेदनशील और यथार्थपरक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। लेखक ने अपने लेखन के माध्यम से ग्लैमर की दुनिया के पीछे छिपे सच को सामने लाने का प्रयास किया है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है।
यह क्षण न केवल लेखक अंशुमन भगत के लेखकीय सफर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा गया, बल्कि स्थानीय साहित्यकारों के लिए भी प्रेरणादायी साबित हुआ। साथ ही फेस्टिवल के ‘जल, जंगल और जन-भागीदारी’ विषयक सत्र में लेखक अंशुमन भगत संयोजक के रूप में शामिल रहे, जहाँ उन्होंने पद्मश्री सम्मानित अतिथियों को सम्मान चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल जैसे आयोजनों के जरिये स्थानीय रचनाकारों को अपनी बात रखने और संवाद स्थापित करने का अवसर मिलता है। फेस्टिवल में हुई यह साहित्यिक प्रस्तुति इस बात का उदाहरण बनी कि जमशेदपुर केवल औद्योगिक नगरी ही नहीं, बल्कि रचनात्मक और साहित्यिक चेतना का भी सशक्त केंद्र बनता जा रहा है।
इस पहल से आने वाले समय में शहर के अन्य रचनाकारों को भी लेखन के नए आयाम तलाशने और राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरणा मिलेगी।इसी क्रम में जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 की भव्यता को देश के कई प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की मौजूदगी ने और भी सशक्त बना दिया।
फेस्टिवल में पंचायत वेब सीरीज़ फेम अभिनेता पंकज झा (विधायक जी), पद्मश्री सम्मानित कालबेलिया नृत्यांगना गुलाबो सपेरा, फिल्म निर्देशक अभिषेक चौबे, वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार सोपान जोशी, मशहूर कार्टूनिस्ट आबिद सुरती, जनजातीय कला के अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कलाकार मनीष पुष्कले और भज्जू सिंह श्याम, अभिनेता राजेश जैस सहित देशभर से आए कई लेखक, कलाकार, बुद्धिजीवी और गणमान्य लोग शामिल हुए। इन सभी की सक्रिय भागीदारी ने फेस्टिवल को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली और यादगार साहित्यिक आयोजन के रूप में स्थापित किया।

