Jammu: अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर, एनएसजी कमांडों और ड्रोन भी तैनात होंगे

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 8, 2024 17:33 IST2024-06-08T17:23:03+5:302024-06-08T17:33:39+5:30

Jammu: हालांकि प्रशासन और केंद्रीय गृहमंत्रालय इसके प्रति चुप्पी साधे बैठा है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा पर कोई आतंकी खतरा मंडरा रहा है या नहीं लेकिन हजारों जवानों की तैनाती की कवायद के बीच 20 हजार और सैनिकों की मांग इसके प्रति चिंता में जरूर डालती थी।

Jammu security Amarnath Yatra NSG commandos drones deployed | Jammu: अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर, एनएसजी कमांडों और ड्रोन भी तैनात होंगे

फाइल फोटो

Highlightsअमरनाथ यात्रा में शामिल होेने वालों की सुरक्षा की खातिर एनएसजी कमांडों तैनात किए जाएंगेश्रीनगर शहर के अलावा दक्षिण कश्मीर में भी इन जवानों को तैनात किया जाएगा300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मल्टी टीयर सुरक्षा बंदोबस्त रहेंगे

Jammu: हालांकि प्रशासन और केंद्रीय गृहमंत्रालय इसके प्रति चुप्पी साधे बैठा है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा पर कोई आतंकी खतरा मंडरा रहा है या नहीं लेकिन हजारों जवानों की तैनाती की कवायद के बीच 20 हजार और सैनिकों की मांग इसके प्रति चिंता में जरूर डालती थी। यही नहीं खतरे के प्रति शंका इस कारण भी है क्योंकि इस बार भी अमरनाथ यात्रा में शामिल होेने वालों की सुरक्षा की खातिर एनएसजी कमांडों तैनात किए जाएंगें तथा बड़ी संख्या में ड्रोन की सहायता ली जाएगी। 29 जून (जिस दिन हिमलिंग के प्रथम दर्शन होंगें) से शुरू हो रहे अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को कश्मीर में डेरा डालने के निर्देश गृहमंत्री द्वारा दिए गए हैं।

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रशासन की यह तीसरी अमरनाथ यात्रा है। सरकार पुनः इसे पर्यटन के रूप में लेना चाहती है ताकि अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों के बीच कश्मीर की खूबसूरती को बेचा जा सके। इसी कारण अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार डा नीतिन सेन गुप्ता की रिपोर्ट को एक बार फिर ठंडे बस्ते में डाल 8 से 10 लाख के करीब श्रद्धालुओं को यात्रा में शामिल होने का न्यौता देने के साथ ही उनके लिए प्रबंध किए जा रहे हैं।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो अमरनाथ यात्रा भी अजीब दास्तान बन गई है। आधिकारिक तौर पर संख्या को लेकर कुछ नहीं कहा जाता है। पर जो आंकड़ा प्रतिदिन श्रद्धालुओं को भिजवाने का तय किया गया है वह ही इस संख्या को 10 लाख तक पहुंचाता है। अर्थात प्रतिदिन 20 हजार श्रद्धालुआंे को इसमें शामिल होने की अनुमति दी जानी है जिसमें हेलीकाप्टर से शिरकत करने वाले नहीं गिने गए हैं।

मजेदार तथ्य इन आंकड़ों का यह है कि अक्सर इस यात्रा में कश्मीर से भी हजारों स्थानीय निवासी शामिल होते हैं। कश्मीर में पहले से ही घूम रहे लोगों के साथ ही सुरक्षाकर्मी भी इसमें शामिल होते रहते हैं लेकिन उनके आंकडे़ को सरकार सरकारी तौर पर शामिल करने की इच्छुक नहीं रही है और अगर अमरनाथ यात्रा को लेकिर जो प्रचारित किया जा रहा है उसे गौर से देखें और पढ़ें-सुनें तो 8 से 10 लाख से अधिक को इस यात्रा में शामिल होने की खातिर न्यौता दिया जा रहा है।

Web Title: Jammu security Amarnath Yatra NSG commandos drones deployed

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