जम्मू पहुंचीं महबूबा मुफ्ती, शिवसेना और बजरंग दल ने किया विरोध प्रदर्शन, गो बैक और काले झंडे दिखाए, जानिए पूरा मामला
By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 5, 2020 04:50 PM2020-11-05T16:50:40+5:302020-11-05T16:52:21+5:30
पीडीपी अध्यक्ष की सुरक्षा को यकीनी बनाने व प्रदर्शनकारियों को उनसे दूर रखने के लिए एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। एयरपोर्ट के बाहर खड़े बजरंग दल, शिव सेना कार्यकर्ता महबूबा मुफ्ती व गुपकार घोषणा के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
जम्मूः जम्मू में ‘दरबार’ सजने से दो दिन पहले ही माहौल गरमाने जा रहा है क्योंकि गुपकार घोषणा का समर्थन करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं का जम्मू में जमावड़ा होने लगा है।
सात तारीख को इस संबंध में बुलाई गई बैठक में शिरकत करने को महबूबा मुफ्ती भी आज जम्मू पहुंचीं और एयरपोर्ट पर काले झंडों व महबूबा गो बैक के नारों से उनका स्वागत हुआ। उनके जम्मू पहुंचने से पहले ही बजरंग दल व शिव सेना के कई कार्यकर्ता एयरपोर्ट के बाहर काले झंडे लेकर पहुंच गए थे। पीडीपी अध्यक्ष की सुरक्षा को यकीनी बनाने व प्रदर्शनकारियों को उनसे दूर रखने के लिए एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। एयरपोर्ट के बाहर खड़े बजरंग दल, शिव सेना कार्यकर्ता महबूबा मुफ्ती व गुपकार घोषणा के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद नजरबंदी से बाहर निकलते ही महबूबा ने बयान दिया था कि जब तक केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर का झंडा वापस नहीं करती वह किसी भी दूसरे झंडे को हाथ नहीं लगाएंगी। उनके इस बयान के बाद सभी पीडीपी कार्यालयों से राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया गया। जिसका पूरे प्रदेश में भारी विरोध हो रहा है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने व राज्य के दर्जे को समाप्त करने के केंद्र के फैसले को असंवैधानिक, यहां के लोगों से धोखा करार देते हुए कश्मीर केंद्रित पार्टियों ने हाल ही में पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन का गठन किया था।
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने और हिरासत से मुक्ति के बाद नेकां प्रमुख डा फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती का यह पहला जम्मू दौरा है। इन दोनों का यह दौरा पीएजीडी की गतिविधियों को जम्मू प्रांत में विस्तार देने और स्थानीय नेताओं के साथ विचार विमर्श पर केंद्रित है।
डा फारूक अब्दुल्ला को इस संगठन का अध्यक्ष जबकि महबूबा मुफ्ती को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया है। संगठन का मकसद लोगों को साथ लेकर जम्मू कश्मीर को उसका हक दिलाना है। इसी मिशन की जम्मू में शुरुआत करने के लिए महबूबा मुफ्ती आज जम्मू पहुंची हैं। बताया जा रहा है कि नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान व सांसद डा फारूक अब्दुल्ला कल यानी शुक्रवार को जम्मू पहुंचेंगे।
पीएजीडी से जुड़े नेताओं ने बताया कि जम्मू में 7 नवंबर को स्थानीय नागरिक समाज के विभिन्न सदस्यों और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की एक बैठक डा फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में होगी। यह बैठक भठिंडी स्थित उनके निवास पर ही होगी, लेकिन अंतिम समय में बैठक का स्थान बदले जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। बैठक में महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारीगामी के अलावा अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह व नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी शामिल हो सकते हैं।
शनिवार को होने वाली इसी बैठक में जम्मू प्रांत के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय नागरिक समाज के वरिष्ठजनों और विभिन्न राजनीतिक दलों से मुलाकात कर उन्हें गुपकार घोषणा के समर्थन में जमा करने के लिए पीएजीडी के प्रतिनिधिमंडल भी तय किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 15 अक्तूबर को गठित पीएजीडी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अगुआई में लद्दाख प्रांत का दौरा किया है।