कश्मीर में अलगाववादियों पर सख्ती शुरू, हिरासत में लिए गए यासिन, हुर्रियत चीफ नजरबंद
By पल्लवी कुमारी | Published: June 21, 2018 07:04 PM2018-06-21T19:04:44+5:302018-06-21T19:04:44+5:30
अलगाववादी नेताओं को घाटी में विरोध-प्रदर्शनों की अगुवाई से रोकने के लिए ये सख्त कदम उठाए गए हैं।
श्रीनगर, 21 जून: राज्यपाल शासन लगते ही जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों पर सख्ती बढ़ा दी गई है। इस कड़ी में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लिया गया है। जिसके बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक को भी नजरबंद कर दिया गया है। गौरतलब है कि मीरवाइज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरम धड़े के अध्यक्ष हैं। अलगाववादी नेताओं को घाटी में विरोध-प्रदर्शनों की अगुवाई से रोकने के लिए ये सख्त कदम उठाए गए हैं।
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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मलिक को गुरुवार सुबह उनके मैसूमा स्थित आवास से हिरासत में लिया गया। मलिक को कोठीबाग स्थित पुलिस थाने में रखा गया है। वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी भी इन दिनों नजरबंद हैं।
मंगलवार को बीजेपी ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस लिया था। जिसके कुछ घंटे बाद ही महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ दे दिया था। बता दें कि पिछले कुछ समय में कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी के मामलों में काफी तेजी देखी गई है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार रमजान में युद्धविराम (17 मई से 16 जून) के दौरान जहां पत्थरबाजी के 107 मामले सामने आए, वहीं 15 अप्रैल से 16 मई के बीच पत्थरबाजी की 258 घटनाएं हुईं थी।
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