पधारो हमारे लद्दाख: इनरलाइन परमिट की जरूरत नहीं, सियाचिन बेस कैंप तक जाने की छूट, जानें बड़ी बातें
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 2, 2021 16:02 IST2021-10-02T16:00:05+5:302021-10-02T16:02:09+5:30
लद्दाख में ही अब दुनिया का सबसे बड़ा खादी का राष्ट्रीय ध्वज भी लहराता हुआ मिलेगा। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धस्थल सियाचिन के बेस कैंप तक ट्रैकिंग भी कर पाएंगे।

लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने राष्ट्रीय ध्वज का उद्घाटन किया।
जम्मूः केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख आने वालों के लिए कई तोहफे तैयार हैं। पहले पर्यटक सिर्फ रैंचों के स्कूल और पैंगांग झील के लिए ही आते थे अब उन्हें पाकिस्तान से सटी एलओसी व चीन से सटी एलएसी तक जाने के लिए इनरलाइन परमिट की छूट दे दी गई है।
इसका लाभ पहाड़ों में नजारों की खाक छानने वालों को होगा जो अब दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धस्थल सियाचिन के बेस कैंप तक ट्रैकिंग भी कर पाएंगे। और इन सबमें खास बात यह है कि लद्दाख में ही अब दुनिया का सबसे बड़ा खादी का राष्ट्रीय ध्वज भी लहराता हुआ मिलेगा।
Gandhi Ji had said that our flag is a symbol of unity, humanity, and a sign accepted by everyone in the country. It's a symbol of greatness for the country...In coming years, this flag (in Leh) will be a sign of enthusiasm for our soldiers: R. K. Mathur, Lt Governor, Ladakh pic.twitter.com/WTZjSTkZPh
— ANI (@ANI) October 2, 2021
गांधी जयंती के इस पावन अवसर पर लद्दाख की राजधानी लेह में एक विशाल भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है। इस ध्वज की खास बात यह है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा खादी का राष्ट्रीय ध्वज है। पूरी तरह से खादी से बने झंडे का माप 225 बाई 150 फीट है। यही नहीं इसका वजन एक टन के करीब है जबकि इसे बनाने में लगभग 1.5 महीने का समय लग गया।
#WATCH LG Ladakh RK Mathur today unveiled the National flag created by Khadi & Village Industries Commission at an event organized by the Indian Army's Fire and Fury Corps, Ladakh pic.twitter.com/7wMmS4ua8y
— ANI (@ANI) October 2, 2021
लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने राष्ट्रीय ध्वज का उद्घाटन किया। लेह में जैसे ही राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया, समारोह स्थल पर भारत माता के जयघोष गूंज उठे। सेना के जवानों ने उपराज्यपाल, सेना प्रमुख के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी।
#WATCH | 150 troops of Indian Army’s 57 Engineer regiment carried the world’s largest Indian National flag made of khadi to the top of a hill at over 2000 feet above the ground level in Leh, Ladakh. It took two hours for troops to reach the top. pic.twitter.com/ZvlKEotvXy
— ANI (@ANI) October 2, 2021
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर दुश्मनों की हर नापाक साजिश को नाकाम बना रही भारतीय वायु सेना ने भी अपने हेलीकाप्टरों से राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। यह नजारा देखने वाला था। यही नहीं पूर्वी लद्दाख को लेकर भले ही पिछले कई महीनों से भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव चल रहा हो लेकिन पर्यटकों को लद्दाख की सीमा (एलएसी व एलओसी) तक जाने की अब छूट दे दी गई है।
भारत सरकार ने कई इलाकों में इनरलाइन परमिट की अनिवार्यता को अब पूरी तरह से खत्म कर दिया है। इससे लद्दाख में पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार की ओर से लिए गए इस इस फैसले के बाद अब पर्यटक उन इलाकों में भी जा सकेंगे जहां पर वह अभी तक नहीं जा पाते थे हालांकि विदेशी पर्यटकों को बिना अनुमति के इन इलाकों में जाने की छूट नहीं होगी।
केंद्र सरकार की ओर से लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लेते हुए सरहद से लगते हुए कई इलाकों से इनरलाइन परमिट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है भारतीय सेना की ओर से दी गई छूट के बाद पर्यटकों को सियाचिन ग्लेशियर के आधार शिविर तक जाने की इजाजत भी होगी।
जानकारी के लिए कुछ दिनों पहले ही दिव्यांगों के एक दिल ने भी सियाचिन की कुमार पोस्ट तक ट्रैकिंग की थी। भारत सरकार की ओर से दी गई इस छूट के बाद आम पर्यटक भी बिना किसी रोकटोक के वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे मान मराक से त्सागल होते हुए चुशुल तक जा सकेंगे। पर्यटक अब लेह के हानले करगिल के मुशकोह इलाके में भी घूमने जा सकेंगे। अभी तक इन इलाकों में जाने के लिए भारतीय सेना से इनरलाइन परमिट लेना होता था।


