गम के बाद दीपू के घर लौटी दोहरी खुशी! आतंकियों द्वारा पति की हत्या के बाद पत्नी को मिली सरकारी नौकरी

By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 28, 2023 05:51 PM2023-06-28T17:51:21+5:302023-06-28T17:52:18+5:30

jammu kashmir woman get govt jobs when husband killed by terrorist | गम के बाद दीपू के घर लौटी दोहरी खुशी! आतंकियों द्वारा पति की हत्या के बाद पत्नी को मिली सरकारी नौकरी

गम के बाद दीपू के घर लौटी दोहरी खुशी! आतंकियों द्वारा पति की हत्या के बाद पत्नी को मिली सरकारी नौकरी

जम्मू:  एक माह पहले जिस दीपू को आतंकियों ने कश्मीर में मार डाला था उसके परिवार के लिए प्रकृति इतनी निर्मम हो सकती है किसी ने सोचा नहीं था। पूरे एक माह बाद उप राज्यपाल ने दीपू की पत्नी को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र थमाया तो उसकी आंखों से आंसू ही नहीं रूक पा रहे थे क्योंकि जिस सरकारी नौकरी को पाने की खातिर वह सारी उम्र दर-ब-दर भटकता रहा वह उसके परिवार के सदस्य को उसकी मौत के बाद मिली है। 

याद रहे दीपू की मौत के सात दिन बाद उसकी पत्नी ने एक बेटे को भी जन्म दिया था। ऐसे में आज उसका परिवार फिर से दुविधा में था कि दीपू की मौत का मातम मनाएं या फिर बेटे के पैदा होने या नौकरी मिलने की खुशी।

मातम के साथ घर में आई खुशी

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज राजभवन में शहीद नागरिक दीपू कुमार की पत्नी साक्षी देवी को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा है। इससे ज्यादा हृदयविदारक दृश्य शायद ही कोई होगा कि जिस दीपू को आतंकियों ने सात दिन पहले कश्मीर में गोलियों से भून दिया था, उसकी पत्नी ने छह जून को एक बेटे को जन्म तो दिया पर इस खुशी का साक्षी दीपू खुद नहीं बन सका था। 

ऐसे में दिवंगत दीपू के घर पर आज भी हालत यह है कि वे दीपू की मौत का मातम मनाएं या फिर बेटे के पैदा होने की खुशी या सरकारी नौकरी मिलने की खुशी।कुमार की हत्या के एक सप्ताह पश्चात उसकी पत्नी ने उधमपुर के थिआल गांव में एक बच्चे को जन्म दिया था। कुमार के परिवार में पत्नी के अलावा पिता, एक भाई, भाभी और उनके दो बच्चे हैं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी कुमार के कंधों पर थी क्योंकि उसका भाई दृष्टिहीन है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल 30 दिन पहले बेहद ही गरीब परिवार के एकमात्र कमाई करने वाले सदस्य दीपू को आतंकियों ने अनंतनाग में उस सर्कस में गोली मार दी थी जिसमें नौकरी कर वह अपने परिवार और अपने दृष्टिहीन भाई के परिवार को पाल रहा था। उसका परिवार किस गरीबी की हालत में है अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि उसके कच्चे घरों ने आज तक बिजली की रोशनी के दर्शन भी नहीं किए हैं। सरकारी प्रवक्ता का कहना था कि उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने दुखी परिवार के सदस्यों को हर संभव सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया है।

पति की हत्या के समय पत्नी थी गर्भवती

दीपू की पत्नी साक्षी उस समय नौ महीने की गर्भवती थी जब आतंकियों ने जेहाद के नाम पर उसकी जान ले ली थी। अभी तक साक्षी अपने पति की मौत के सदमे से नहीं उभर पाई है। और अब जबकि उसने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया है, उसके घर पर आने वालों का तांता तो है पर आने वाले भी अजीब दुविधा में हैं।

दरअसल कई आने वाले दीपू की मौत का गम मनाने के लिए आ रहे हैं पर जब उनको बेटे के जन्म की खबर मिलती है तो भी वे उसके जन्म की बधाई नहीं दे पाते थे और अब साक्षी को मिली सरकारी नौकरी पर भी उसके पड़ौसी व रिश्तेदार दुविधा में हैं कि वे बधाई दें या नहीं। शायद यही क्रूर नियती है कि दीपू का परिवार किस्मत के थपेड़ों को सहन करने को मजबूर है। करीब 15 साल पहले गरीबी के चलते दीपू का परिवार जम्मू से उधमपुर के मजालता तहसील के बिलासपुर गांव की ओर कूच कर गया था।

Web Title: jammu kashmir woman get govt jobs when husband killed by terrorist

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