जम्मू-कश्मीरः विदेशी राजनयिकों का कश्मीर का तीसरा दौरा शुरू, घाटी में जमीनी हालात का ले रहे हैं जायजा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 12, 2020 07:29 PM2020-02-12T19:29:40+5:302020-02-12T19:30:26+5:30
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में विदेशी राजनियकों का यह तीसरा और यूरोपीय संघ में शामिल देशों के प्रतिनिधियों का यह दूसरा दौरा है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद विदेशी राजनयिकों का एक और प्रतिनिधिमंडल घाटी में जमीनी हालात का जायजा लेने बुधवार को श्रीनगर पहुंचा। इसमें विभिन्न देशों के 25 राजनयिक हैं। यह दल बुधवार सुबह 11 बजे श्रीनगर पहुंचा। दल ने पहले डल झील में शिकारा से सैर की। इसके बाद यहां से दल में शामिल सदस्य बारामुल्ला भी जा सकते हैं। वहां से लौटकर श्रीनगर में सिविल सोसाइटी, कारोबारियों समेत विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात और बातचीत कर पांच अगस्त के बाद उत्पन्न स्थिति की जानकारी हासिल करेंगे।
श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचने पर सबसे पहले यूरोपियन संघ के सदस्य कड़ी सुरक्षा के बीच होटल गए, वहां चाय नाश्ता किया और फिर डल झील पहुंच गए। शिकारा में डल झील की सेर करते हुए यूरोपियन संघ के सदस्यों ने वादियों के बीच डल झील की खूबसूरती का पूरा आनंद उठाया। कई सांसद सदस्यों ने तो इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरों में भी कैद किया। सैर करने के बाद जब सांसद पुनः घाट पर पहुंचे तो उन्होंने वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि इस तरह की खूबसूरती व शांत वातावरण उन्होंने कहीं नहीं देखा।
होटल पहुंचने के बाद ये दल स्थानीय सामाजिक, राजनीतिक, मजहबी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के अलावा श्रीनगर में भी विभिन्न वर्गों से मिला। इस बार कश्मीर की कुछ महिला पत्रकार भी यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों संग जम्मू कश्मीर के बदलाव पर अपना पक्ष रखते हुए, उन्हें पाकिस्तान व जिहादी तत्वों की साजिशों से अवगत कराएंगी।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि यूरोपीय संघ के सांसदों की मौजूदगी में आतंकियों द्वारा किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिए जाने की आशंका को देखते हुए पूरी वादी में विशेषकर श्रीनगर, बारामुला और बडगाम में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया है। श्रीनगर में जिस जगह विदेशी सांसदों को ठहराया जा रहा है, उस तरफ आने जाने वाली सभी सड़कों को सील करते हुए आम लोगों की आवाजाही को सीमित किया गया है। इसके अलावा डल झील में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गई है। सीआरपीएफ व जम्मू कश्मीर के पुलिस वॉटर विंग द्वारा लगातार झील में गश्त की जा रही है।
सभी सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को पूरा एहतियात बरतने, किसी भी आतंकी मंसूबे को पूरी तरह नाकाम बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। इस दो दिवसीय दौरे के दौरान राजनियकों का उड़ी व एलओसी पर जाने का भी कार्यक्रम था परंतु मौसम खराब होने की वजह से उसे रद कर दिया गया है। दौरे के अंतिम दिन वे जम्मू आएंगे और इस दौरान वे उपराज्यपाल जीसी जीसी मुर्मू के अलावा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे।
याद रहे पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में विदेशी राजनियकों का यह तीसरा और यूरोपीय संघ में शामिल देशों के प्रतिनिधियों का यह दूसरा दौरा है। गत माह यूरोपीय संसद में जम्मू कश्मीर मुद्दे पर लाए गए प्रस्ताव पर अगले माह होने जा रहे मतदान से पूर्व यह दौरा बहुत अहम माना जा रहा है।