जम्मू-कश्मीर: 2018 में पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा हुई घुसपैठ की कोशिश, 257 आतंकी मारे गये

By भाषा | Updated: October 26, 2019 18:35 IST2019-10-26T18:35:46+5:302019-10-26T18:35:46+5:30

Jammu Kashmir Terrorist infiltration in year 2018 highest in five years says home ministry report | जम्मू-कश्मीर: 2018 में पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा हुई घुसपैठ की कोशिश, 257 आतंकी मारे गये

जम्मू-कश्मीर: साल 2018 में 257 आतंकवादी मारे गए और 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए (फाइल फोटो)

Highlightsजम्मू-कश्मीर: गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 328 बार हुई घुसपैठ की कोशिश2017 में घुसपैठ की 419 और साल-2016 में 371 कोशिशें की गईं, पिछले साल 91 सुरक्षाकर्मी शहीद

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने 2018 में जम्मू-कश्मीर में 328 बार घुसपैठ की कोशिश की, जो बीते पांच साल में सबसे अधिक है। इनमें से 143 प्रयासों में वे सफल रहे। गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। मंत्रालय शुक्रवार को उपलब्ध 2018-19 की रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में बीते साल 257 आतंकवादी मारे गए और 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, जो बीते पांच साल में सर्वाधिक है।

रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि के दौरान 39 आम लोगों की भी मौत हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने 2018 में 328 बार जम्मू-कश्मीर में घुसने की कोशिश की, जिनमें से 143 प्रयासों में वे सफल रहे। रिपोर्ट के अनुसार 2017 में घुसपैठ के 419 प्रयास किये गए, जिनमें से 136 सफल रहे। 2016 में ऐसी 371 कोशिशें की गईं, जिनमें से 119 सफल रहीं।

वहीं 2015 में 121 बार घुसपैठ का प्रयास किया गया, जिनमें से 33 में उन्हें सफलता मिली। 2014 में 222 बार घुसपैठ की कोशिश हुई और 65 कोशिशें सफल रहीं। रिपोर्ट के अनुसार 2018 में जम्मू-कश्मीर में हुई 614 आतंकी घटनाओं में कुल 257 आतंकवादी मारे गए, 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 39 लोगों की जान चली गई। रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 2018 में सुरक्षाकर्मियों की शहादत, आतंकवादियों के ढेर होने और आतंकी घटनाओं के आंकड़े बीते पांच साल में सबसे ज्यादा रहे।

वहीं, 2017 में 342 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 213 आतंकवादी मारे गए, 80 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 40 नागरिकों की मौत हुई। इसी प्रकार 2016 में हुईं 322 आतंकी घटनाओं में 150 आतंकवादी मारे गए, 82 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 15 आम लोगों की मौत हुई जबकि 2015 में 208 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 108 आतंकवादी मारे गए, 39 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 17 लोगों की जान गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 में जम्मू-कश्मीर 222 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 110 आतंकवादी ढेर हुए, 47 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 28 आम लोगों की मौत हुई। गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत (1990 में) के बाद से 31 मार्च 2019 तक 14,024 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,273 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। 

Web Title: Jammu Kashmir Terrorist infiltration in year 2018 highest in five years says home ministry report

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