जम्मू कश्मीरः इस साल जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में आई कमी
By भाषा | Updated: July 14, 2019 17:38 IST2019-07-14T17:38:24+5:302019-07-14T17:38:24+5:30
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में पत्थरबाजी की 2653 घटनाएं हुईं जिसमें पुलिस ने 10571 लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि, गिरफ्तार किए गए लोगों में महज 276 जेल भेजे गए और अन्य को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

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जम्मू कश्मीर में 2016 में पत्थरबाजी की 2600 से ज्यादा घटनाओं के बाद 2019 की पहली छमाही में इस तरह की कुछ दर्जन भर घटनाएं ही हुईं। अधिकारियों ने रविवार को इस बारे में बताया । पत्थरबाजी की घटनाओं में संलिप्त रहे असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की घटनाएं भी 10500 से घटकर एक सौ के करीब रह गयीं।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में पत्थरबाजी की 2653 घटनाएं हुईं जिसमें पुलिस ने 10571 लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि, गिरफ्तार किए गए लोगों में महज 276 जेल भेजे गए और अन्य को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में अशांति का लंबा दौर चला। वर्ष 2017 में पत्थरबाजी की 1412 घटनाएं हुईं। इनमें गड़बड़ी फैलाने वाले 2838 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनमें से 63 जेल भेजे गए।
आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में पत्थरबाजी की 1458 घटनाएं हुईं इनमें 3797 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 65 जेल भेजे गए। इस साल के पहले छह महीने में पत्थरबाजी की करीब 40 घटनाएं हुईं जिसमें करीब सौ लोग हिरासत में लिए गए।
उन्होंने कहा कि 19 जून 2018 को राज्यपाल का शासन लागू होने के पश्चात घाटी में सुरक्षा की स्थिति सुधरी है। महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद राज्यपाल का शासन लागू हुआ था। राज्य में राज्यपाल शासन लगने के छह महीने बाद राष्ट्रपति शासन लागू हुआ जो कि अब तक जारी है।