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शोपियां में मारे गए आतंकी से बरामद एम-4 और स्टील की गोलियां, साथ में 36 कारतूस, 9600 रुपए जब्त

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: March 14, 2021 19:44 IST

मारे गए आतंकी के पास से बेहद खतरनाक एम-4 कार्बाइन के साथ साथ स्टील की गोलियां बरामद न होतीं। इसके अतिरिक्त तीन मैग्जीन, 36 कारतूस, 9600 रुपये और कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है।

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ठळक मुद्दे आतंकियों ने छह नागरिकों को बंधक बना लिया था, जिन्हें सुरक्षाबलों ने छुड़ा लिया है।आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सेना, सीआरपीएफ तथा पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी की।आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी और घेरा तोड़कर भागने की कोशिश की।

जम्मूः दक्षिणी कश्मीर के शोपियां में शनिवार रात शुरू हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है।

अन्य मुठभेड़ों की तरह से मुठभेड़ भी एक आम मुठभेड़ मानी जाती अगर मारे गए आतंकी के पास से बेहद खतरनाक एम-4 कार्बाइन के साथ साथ स्टील की गोलियां बरामद न होतीं। इसके अतिरिक्त तीन मैग्जीन, 36 कारतूस, 9600 रुपये और कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है।

वहीं देर रात आतंकियों ने छह नागरिकों को बंधक बना लिया था, जिन्हें सुरक्षाबलों ने छुड़ा लिया है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर रखा है। बता दें कि शोपियां जिले के रावलपोरा गांव में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सेना, सीआरपीएफ तथा पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी की। इस दौरान घेरा सख्त होता देख आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी और घेरा तोड़कर भागने की कोशिश की।

हालांकि, सुरक्षाबलों ने उन्हें समर्पण के कई मौके दिए पर वे लगातार फायरिंग करते रहे। इस पर जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई। इस बीच छह नागरिकों को आतंकियों ने बंधक बना लिया। इन्हें सुरक्षाबलों ने सुरक्षित निकाला तब जाकर परिवार वालों को राहत मिली। इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों की चिंता शोपियां में मुठभेड़ में मारे गए आतंकी के पास से बरामद एम-4 कार्बाइन है।

इससे पहले भी मुठभेड़ में मारे गए कई आतंकियों के कब्जे से एम-4 कार्बाइन राइफल मिल चुकी है। इसे पाकिस्तान से आतंकियों के लिए भेजा जाता है। इसका कारण ये है कि आतंकियों को इस हथियार को चलाने की अच्छी ट्रेनिंग हासिल होती है। ये उनका पसंदीदा हथियार है।  बीते साल कुलगाम में हुई मुठभेड़ में मारे गए इमरान भाई नामक पाकिस्तानी जैश के आतंकी से दो हथियार बरामद हुए थे जिनमें से एक एम-4 राइफल थी। इससे आतंकी ज्यादा दूरी से वार कर सकते हैं, क्योंकि इसके ऊपर साइट लगी रहती है।

अभी तक सुरक्षाबलों ने जितने भी हथियार बरामद किए हैं, इनमें ज्यादातर संख्या एम-4 राइफल की है। जितने आतंकी अभी जिंदा हैं उनके पास उतने ही हथियार हैं। पाकिस्तान की कोशिश है कि आईबी या एलओसी के रास्ते जैश और लश्कर के और आतंकी कश्मीर में भेजे जाएं। जानकारी के लिए एम-4 का वजन काफी कम होता है। इसकी बड़ी खासियत है कस्टमाइज़ेशन।

इसमें कई सारी चीजें जोड़ी जा सकती हैं। दूर तक देखने के लिए स्कोप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता करीब 600 मीटर होती है। साथ ही यह 950 गोलियां लगातार दाग सकती हैं। इसमें बुलेट प्रूफ को भी भेद्यने वाली गोलियां इस्तेमाल हो सकती हैं जो अलग चिंता का विषय है।

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