जम्मू कश्मीर: सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर महबूबा बोलीं-बच्चे को उसके पिता के कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते
By अभिषेक पारीक | Updated: July 12, 2021 15:30 IST2021-07-12T14:58:43+5:302021-07-12T15:30:21+5:30
जम्मू कश्मीर में 11 सरकारी कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद बयानबाजी का सिलसिला थम नहीं रहा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने इसे लेकर बयान दिया है।

महबूबा मुफ्ती । (फाइल फोटो )
जम्मू कश्मीर में 11 सरकारी कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद बयानबाजी का सिलसिला थम नहीं रहा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने इसे लेकर एक बार फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आप किसी बच्चे को उसके पिता के कार्यों के लिए तब तक जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं, जब तक की आपके पास सबूत नहीं हो। बता दें कि बर्खास्त सरकारी कर्मचारियों में आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे भी शामिल थे।
महबूबा मुफ्ती ने सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी को लेकर कहा कि मैं किसी का समर्थन नहीं कर रही हूं। किसी भी बच्चे को उसके पिता के द्वारा किए गए कार्यां को लेकर तब तक जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, जब तक कि आपके पास कोई सबूत नहीं हो। उन्होंने कहा कि ये 11 लोग नहीं हैं, उन्होंने इस साल 20-25 को बर्खास्त किया है।
I'm not supporting anyone. You can't hold a child responsible for actions of his father unless & until you have proof. These are not 11 people, they've sacked 20-25 this yr: Mehbooba Mufti on her tweet on dismissal of 11 govt employees, incl 2 sons of Hizbul chief Syed Salahuddin pic.twitter.com/csbvx7SXZA
— ANI (@ANI) July 12, 2021
मुफ्ती ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि आप एक आदमी को पकड़ सकते हैं, लेकिन एक विचार को नहीं। आपको इस विचार को संबोधित करना होगा, जैसा वाजपेयी जी ने किया था। साथ ही उन्होंने कहा कि असहमति का अपराधीकरण हमारे देश को वापस ले जा रहा है।
I've said this again & again, you can capture a man but not an idea. You've to address the idea, as Vajpayee ji did. Witch-hunting, criminalisation of dissent is taking our nation back: Mehbooba Mufti on her tweet on dismissal of 11 govt employees, incl 2 sons of Syed Salahuddin
— ANI (@ANI) July 12, 2021
इससे पहले महबूबा ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'भारत सरकार उस संविधान को रौंदकर छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में जम्मू-कश्मीर के लोगों को निःशक्त बनाना जारी रखे हुए है, जिसे बरकरार रखा जाना चाहिए। तुच्छ आधारों पर 11 सरकारी कर्मचारियों की अचानक बर्खास्तगी अपराध है। जम्मू-कश्मीर के सभी नीतिगत फैसले कश्मीरियों को दंडित करने के एकमात्र उद्देश्य से किए जाते हैं।'
बता दें कि जम्मू कश्मीर में 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था। इन कर्मचारियों पर कथित तौर पर आतंकवादी संगठनों के सहयोगी के रूप में काम करने का आरोप था। इन लोगों में आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटें भी शामिल थे। इन 11 कर्मचारियों में अनंतनाग से चार, बडगाम से तीन और बारामूला, श्रीनगर, पुलवामा तथा कुपवाड़ा से एक-एक कर्मचारी थे। सभी को त्रभारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत बर्खास्त किया गया है। इस अनुच्छेद के तहत किसी भी तरह की जांच नहीं की जाती है।