जम्मू-कश्मीर: विदेशी राजनयिकों से मिलना आठ PDP नेताओं को पड़ा भारी, महबूबा ने दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता
By रामदीप मिश्रा | Published: January 9, 2020 06:28 PM2020-01-09T18:28:26+5:302020-01-09T18:37:01+5:30
जम्मू-कश्मीर: इस बार न हो हड़ताल का आह्वान किया गया है न ही दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं तथा सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी समान्य है जबकि बीते अक्टूबर में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान ऐसा नहीं था।
जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 16 देशों के दूत मौजूदा स्थिति का मुआयना करने बृहस्पतिवार को श्रीनगर पहुंचे थे। इस दौरान पीडीपी के आठ नेताओं ने उनसे मुलाकात की। इससे नाराज पीडीपी ने अपने आठ नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पार्टी ने दिलावर मीर, रफी अहमद मीर, ज़फर इकबाल मन्हास, च क़मर हुसैन, राजा मंज़ूर, जावेद बेघ, अब मजीद पादरू और अब रहीम राथर को निष्कासित कर दिया। पार्टी का कहना है कि ये नेता राज्य के हितों, आधिकारिक स्थिति और पार्टी के मूलविश्वास के खिलाफ गए हैं। इस वजह से कार्रवाई की गई है।
J&K Peoples Democratic Party: Certain party leaders have been part of parleys which go against the interests of the state, official position and core beliefs of the party. https://t.co/M8wDlcwFpZ
— ANI (@ANI) January 9, 2020
आपको बता दें जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने और उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित किये जाने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 15 देशों के राजनयिक मौजूदा स्थिति का जायजा लेने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे।
इन राजनयिकों ने बाद में पूर्व मंत्री अलताफ बुखारी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल समेत राजनेताओं से भी मुलाकात की। इस दौरान स्थानीय नेताओं ने उन्हें अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद के हालात और संभावित दिशा के बारे में जानकारी दी। बुखारी ने इस हफ्ते के शुरू में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल जी सी मुर्मू से मुलाकात की थी और उन्हें एक ज्ञापन भी दिया था जिसमें केंद्र शासित क्षेत्र के लोगों के लिये मूल निवासी के दर्जे की मांग की गई थी।
इस बार न हो हड़ताल का आह्वान किया गया है न ही दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं तथा सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी समान्य है जबकि बीते अक्टूबर में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान ऐसा नहीं था। अक्टूबर का दौरा एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप भी प्रतिनिधिमंडल के साथ हैं।
राजनयिकों ने घाटी की नागरिक संस्थाओं के सदस्यों से मुलाकात की और इस दौरान अमेरिकी राजदूत को रियल कश्मीर फुटबॉल क्लब के मालिक संदीप चट्टू के साथ लंबी चर्चा करते हुए देखा गया। चट्टू ने अमेरिकी राजदूत को युवाओं को मजबूत बनाने में खेल के महत्व को रेखांकित करते हुए जानकारी दी और इस दौरान अपने क्लब की उपलब्धियों को भी बताया।