पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता निर्मल सिंह का नगरोटा स्थित घर अवैध निर्माण है: जम्मू कश्मीर प्रशासन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 26, 2021 09:56 AM2021-09-26T09:56:05+5:302021-09-26T09:56:05+5:30

पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह और उनका परिवार पिछले साल 23 जुलाई को सेना के गोला-बारूद सब-डिपो के पास नए बंगले में शिफ्ट हो गए थे, जबकि हाईकोर्ट ने मई 2018 में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि रक्षा कार्यों के 1,000 गज के भीतर आम जनता को निर्माण से रोकने वाली 2015 की अधिसूचना को सख्ती से लागू किया जाए.

jammu kashmir ex dy cm bjp nirmal singh nagrota-house-built-illegally | पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता निर्मल सिंह का नगरोटा स्थित घर अवैध निर्माण है: जम्मू कश्मीर प्रशासन

पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह. (फोटो: पीटीआई)

Highlightsएक आरटीआई के जवाब में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा कि अवैध निर्माण के दो मामले सामने आए जिसमें पहला पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह का है.हाईकोर्ट ने मई 2018 में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि रक्षा कार्यों के 1,000 गज के भीतर आम जनता को निर्माण से रोकने वाली 2015 की अधिसूचना को सख्ती से लागू किया जाए.केंद्र ने एक याचिका दायर की थी जिसमें निर्माणाधीन घर नगरोटा में एएसडी की चारदीवारी की परिधि से केवल 580 गज की दूरी पर था.

श्रीनगर: पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता डॉ. निर्मल सिंह का बान गांव में स्थित बंगला गैरकानूनी रूप से बनाया गया है.

दरअसल, सिंह और उनका परिवार पिछले साल 23 जुलाई को सेना के गोला-बारूद सब-डिपो (एएसडी) के पास नए बंगले में शिफ्ट हो गए थे, जबकि हाईकोर्ट ने मई 2018 में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि रक्षा कार्यों के 1,000 गज के भीतर आम जनता को निर्माण से रोकने वाली 2015 की अधिसूचना को सख्ती से लागू किया जाए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक वकील मुजफ्फर अली शान ने एक आरटीआई दाखिल कर जनवरी, 2016 से दिसंबर, 2020 के बीच बान और पंजग्रियां गांवों में अवैध निर्माणों की जानकारी मांगी थी.

उसके जवाब में जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) में भूमि अधिग्रहण कलेक्टर और जन सूचना अधिकारी डॉ. कुसुम चिब ने जोन सी/डी जेडीए की एपीआईओ/तहसीलदार का हवाला देते हुए कहा कि अवैध निर्माण के दो मामले सामने आए जिसमें पहला पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और दूसरा विजय कुमार शर्मा का है.

इन निर्माणों की मौजूदा स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि निर्मल सिंह का मामला सरकार के कानूनी विभाग के पास और दूसरे मामले में अभी काम रोक दिया गया है.

चिब ने एपीआईओ/तहसीलदार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के हवाले से कहा कि दोनों मामलों में, जेडीए द्वारा बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट, 1988 के तहत कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है.

उन्होंने अपने जवाब में कहा कि उनके अनुरोध के बावजूद, एपीआईओ/तहसीलदार ने उन अधिकारियों के बारे में भी जानकारी प्रदान नहीं की जो संबंधित अधिकारियों को अवैध निर्माण के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए बान और पंजग्रियां गांवों में तैनात थे.

7 मई, 2018 के हाईकोर्ट का आदेश केंद्र द्वारा दायर एक रिट याचिका के जवाब में था, जिसमें साइट पर एक बंगले के निर्माण को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया है कि निर्माणाधीन घर नगरोटा में एएसडी की चारदीवारी की परिधि से केवल 580 गज की दूरी पर था.

नगरोटा स्थित 16 कोर मुख्यालय में सेना के शीर्ष अधिकारियों के लिखित अनुरोध के बावजूद, नागरिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष निर्मल सिंह की पत्नी ममता सिंह द्वारा की जा रही निर्माण गतिविधि को रोकने के बाद याचिका दायर की गई थी.

अदालत के 7 मई के आदेश को जानबूझकर लागू नहीं करने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की मांग करते हुए केंद्र ने मई और दिसंबर 2020 में दो बार हाईकोर्ट का रुख किया था.

रिट याचिका और अवमानना याचिकाओं के लंबित होने के बावजूद ममता सिंह ने 25 जुलाई, 2020 को नवनिर्मित घर में अपने पोते के साथ फेसबुक पर एक फोटो डाली थी और बाद में डिलीट कर दिया था.

सेना ने नागरिक प्रशासन को लिखने के अलावा, 27 नवंबर, 2017 को नगरोटा पुलिस स्टेशन के एसएचओ के पास एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई और उसी साल 12 दिसंबर को जम्मू के एसएसपी से प्राथमिकी दर्ज करने के लिए संपर्क किया.

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