जम्मू-कश्मीर के सोपोर जिले के रेबन इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो चुकी है। कश्मीर जोन पुलिस के मुताबिक रविवार (12 जुलाई) को तड़के सुबह ही पुलिस और सेना ने मिलकर यह अभियान चला रहे हैं। हालांकि अभी और जानकारी के लिए प्रतीक्षा करना होगा। समाचार एजेंसी एएनआई ने एनकाउंटर की तस्वीर जारी किया है।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के नौगाम सेक्टर में शनिवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था। सेना ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लांच पैड पर करीब 300 आतंकवादी नियंत्रण रेखा के इस पार आने की ताक में हैं।
नियंत्रण रेखा के पार लांचपैड पर हो सकते हैं 200-300 आतंकवादी
उन्होंने बताया कि सेना द्वारा समय से की गयी कार्रवाई से दोनों आतंकवादियों का सफाया हो गया और सेना ने उन दोनों के पास से हथियार,युद्ध में इस्तेमाल की जाने जैसी सामग्री, खाद्य पदार्थ, दवाइयां, भारतीय और पाकिस्तानी मुद्रा में 15 लाख रुपये बरामद किये। मेजर जनरल वत्स ने कहा कि शनिवार की घुसपैठ की कोशिश राजौरी और कुपवाड़ा सेक्टरों में पाकिस्तान द्वारा हाल ही में किये गये प्रयासों जैसी ही थी और इसे नियंत्रण रेखा के पार लांच पैड पर बड़ी संख्या में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में प्राप्त सूचनाओं के आलोक में देखने की जरूरत है जिन्हें ‘पाकिस्तानी सेना द्वारा पूरा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सेना नियंत्रण रेखा की गरिमा को बनाए रखने के अपने संकल्प के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है और नियंत्रण रेखा को पार करने की किसी भी कोशिश का यही हश्र होगा या उपयुक्त जवाब दिया जाएगा। ....’’ अधिकारी ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार लांचपैड पर 200-300 आतंकवादी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के निरसन के केंद्र के पांच अगस्त, 2019 के निर्णय के बाद से पाकिस्तान लोगों को उकसाने के लिए घाटी में अधिकाधिक आतंकवादियों को भेजने का प्रयत्न कर रहा है लेकिन वह विफल रहा है।
अगले तीन चार महीने में घुसपैठ बढ़ सकती है
मेजर जनरल वत्स ने कहा,‘‘पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को उकसाने में विफल हो रहा है। लोगों ने कमोबेश पाकिस्तान के विमर्श को खारिज कर दिया है। अगले तीन चार महीने में घुसपैठ बढ़ सकती है लेकिन सैनिक ऐसी सभी कोशिशों को विफल करने के लिए चौकन्ने हैं।’’
इस बीच एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि ये आतंकवादी जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के निरसन की पहली वर्षगांठ से पहले इस केंद्रशासित प्रदेश में हिंसा बढ़ाने की पाकिस्तान की कोशिश का हिस्सा थे। उन्होंने बताया कि मारे गये दोनों आतंकवादियों में से एक की पहचान स्थानीय बाशिंदे इदरिस भट के रूप में हुई है और वे संभवत: लश्कर ए तैबया का हिस्सा थे। अधिकारी ने कहा, ‘‘ दो ए के 47 राइफल और बड़ी संख्या में गोलिया, चीनी पिस्तौल, चार ग्रेनेड आदि चीजें मिली हैं । ये ग्रेनेड पाकिस्तानी आयुध फैक्टरी में बने हैं।’’