जम्मू कश्मीर: अनुच्छेद 370 रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 25, 2022 12:14 PM2022-04-25T12:14:44+5:302022-04-25T12:34:16+5:30
वरिष्ठ वकील शेखर नफड़े ने सोमवार को सीजेआई एनवी रमना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ के सामने मामले का उल्लेख किया। नफड़े ने जम्मू कश्मीर में जारी मौजूदा परिसीमन अभ्यास का हवाला देते हुए मामले को कम से कम ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने की मांग की।
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्टजम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जुलाई में सुनवाई करेगा।
वरिष्ठ वकील शेखर नफड़े ने सोमवार को सीजेआई एनवी रमना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ के सामने मामले का उल्लेख किया। नफड़े ने जम्मू कश्मीर में जारी मौजूदा परिसीमन अभ्यास का हवाला देते हुए मामले को कम से कम ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने की मांग की।
इस पर, सीजेआई ने कहा कि मैं देखता हूं। यह पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा जाने वाला मामला है। मुझे पीठ का पुनर्गठन करना होगा।
2019 में याचिकाओं को जस्टिस एन वी रमना, संजय किशन कौल, आर सुभाष रेड्डी, बीआर गवई और सूर्य कांत की संविधान पीठ को भेजा गया था। बेंच के सदस्यों में से एक जस्टिस सुभाष रेड्डी इस साल जनवरी में सेवानिवृत्त हुए थे।
बता दें कि, संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के अगस्त 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली 20 से अधिक याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं।
अनुच्छेद 370 को रद्द करके केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था। इसके बाद, राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर।
मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने माना था कि अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बैच को 7 जजों की संविधान पीठ को संदर्भित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। याचिकाओं को 2 मार्च, 2020 के बाद सूचीबद्ध नहीं किया गया है।