जम्मूः दुनिया के सबसे ऊंचे सिंगल-आर्क रेलवे पुल का ओवरआर्क डेक की लांचिंग हो गई है। शनिवार को इसे लांच किया गया। इस दौरान पुल आजादी का अमृत महोत्सव में शामिल होते हुए तिरंगा ध्वज भी फहराए गए। इस पुल के बनने के बाद श्रीनगर शेष भारत से रेल नेटवर्क के माध्यम से जुड़ने जा रहा है।
अगले वर्ष तक इस पर पटरी बिछाने का काम भी पूरा हो जाएगा। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस पुल पर सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा गया है। इस आर्क को बनाने में अब तक 1480 करोड़ रुपये खर्च आया है। जम्मू संभाग के रियासी जिले में चिनाब दरिया पर ये आर्क ब्रिज बन रहा है, जो एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है।
इसके आर्क की चिनाब नदी के जलस्तर से ऊंचाई 359 मीटर की है। चिनाब पुल का ओवरआर्क डेक लांच होने से सलाल-ए और डुगा रेलवे स्टेशन दोनों ओर से जुड़ गए हैं। अब रेल पटरी बिछाने का कार्य दिसंबर माह तक पूरा करने का लक्ष्य भी रखा गया है। 1.315 किलोमीटर लंबा चिनाब रेलवे ब्रिज सलाल-ए और डुगा रेलवे स्टेशनों को आपस में जोड़ेगा।
रेलवे के उधमपुर-बारामुला लिंक के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुरेंद्र माही ने इस मौके पर खुशी जताते हुए कहा कि अब श्रीनगर तक रेल पहुंचने में अधिक समय नहीं लगेगा। एक वर्ष के भीतर सभी काम पूरे हो जाएंगे। अगले वर्ष तक लोग रेल से श्रीनगर तक सफर कर सकते हैं।
माही ने बताया कि यह आर्क विश्व में रेलवे की सबसे बड़ी आर्क है। इस पर अभी तक 1480 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसमें सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा गया है। इस पुल पर जब ट्रेन गुजरेगी तो हवा की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी लेकिन रेलवे ने 260 किलोमीटर प्रति घंटा गति तक सहन करने की क्षमता बनाई हुई है।
यह पुल 1.315 किलोमीटर लंबा है। यह सबसे ऊंचा रेलवे पुल एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है। इसकी नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है। 17 स्तंभों वाले पुल के निर्माण में 1,486 करोड़ रुपये की लागत से 28,660 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है। स्थापित आर्क का वजन 10,619 मीट्रिक टन है।
संरचना में प्रयुक्त स्टील माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के लिए उपयुक्त है। पुल का न्यूनतम जीवनकाल 120 वर्ष है। इस पर 100 किमी की गति से ट्रेनों के लिए बनाया जा रहा है।