अमरनाथ यात्रा 2020ः तिथि तय नहीं, महंत ने घोषित कर दिया ‘छड़ी मुबारक’ का कार्यक्रम, संशय के बादल फिलहाल छंटे नहीं हैं
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 15, 2020 04:40 PM2020-06-15T16:40:31+5:302020-06-15T16:40:31+5:30
यात्रा की प्रतीक छड़ी मुबारक के महंत दीपेंद्र गिरि ने छड़ी मुबारक का कार्यक्रम घोषित करते हुए उम्मीद जताई है कि प्रशासन यात्रा को संपन्न जरूर करवाएगा चाहे वह छोटे स्तर पर ही क्यों न हो।
जम्मूः इस बार की अमरनाथ यात्रा पर छाए हुए संशय के बादल फिलहाल छंटे नहीं हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा संपन्न होगी या नहीं, फिलहाल प्रशासन ने कोई फैसला नहीं लिया है।
हालांकि श्राइन बोर्ड ने इसे 15 दिनों तक करवाने व प्रतिदिन 2 हजार श्रद्धालुओं को शिरकत करने की अनुमति देने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है, इस यात्रा की प्रतीक छड़ी मुबारक के महंत दीपेंद्र गिरि ने छड़ी मुबारक का कार्यक्रम घोषित करते हुए उम्मीद जताई है कि प्रशासन यात्रा को संपन्न जरूर करवाएगा चाहे वह छोटे स्तर पर ही क्यों न हो।
अमरनाथ यात्रा 2020 के लिए छड़ी मुबारक की घोषणा कर दी गई है। महंत दीपेंद्र गिरि ने सामान्य रूप से साधुओं और जनता की जानकारी के लिए कार्यक्रम की घोषणा की है। यह सदियों पुरानी परंपरा है। इसके अनुसार, भूमि-पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण की रस्मों को पूरा किया जाता है। यह छड़ी मुबारक स्वामी अमरनाथ की यात्रा के आरंभ के अवसर पर होती है।
उन्होंने कहा कि यदि हालात सही रहे तो 20 जुलाई को छड़ी-मुबारक को ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर और 21 जुलाई को शारिका भवानी मंदिर ले जाया जाएगा, 23 जुलाई को श्री अमरेश्वर मंदिर श्रीनगर में छठ-स्थापन के लिए अनुष्ठान किए जाएंगे।
दर्शन के लिए रोज दो हजार श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति होगी
वैसे चर्चा यह है कि दर्शन के लिए रोज दो हजार श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति होगी। अलबत्ता, श्रद्धालुओं की संख्या और यात्रा शुरू करने पर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अभी अंतिम फैसला नहीं लिया है। देश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या का भी ध्यान रखा जा रहा है। पवित्र गुफा में सुबह-शाम होने वाली भगवान अमरेश्वर की आरती के सीधा प्रसारण पर विचार किया जा रहा है। सूत्र पहले ही बता चुके हैं कि यात्रा को इस साल सिर्फ एक पखवाड़े तक सीमित किया जा रहा है और 21 जुलाई को शुरू हो सकती है।
जानकारी के लिए अमरनाथ यात्रा पहले 23 जून को प्रस्तावित थी। परंतु कोरोना संक्रमण और लाकडाउन के चलते अब तय समय पर होना संभव नहीं है। इसी वजह से एडवांस पंजीकरण भी नहीं हो पाया। हिंदू संगठन इसे पहले जुलाई से आरंभ करने की मांग कर रहे थे लेकिन प्रशासन इस पर सहमत नहीं दिखा। चूंकि इतनी जल्दी इसकी तैयारी करना संभव नहीं है।
इस वर्ष यात्रा कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सीमित व सांकेतिक पूजा होगी
महंत दीपेंद्र गिरि ने बताया कि इस वर्ष यात्रा कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सीमित व सांकेतिक पूजा होगी। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती देश भर से आने वाले तीर्थयात्रियों और लंगरों में मजदूरों के बीच सामाजिक दूरी को बनाए रखना होगा। जानकारी के लिए भगवती नगर जम्मू स्थित यात्री निवास को कोविड केयर सेंटर में भी परिवर्तित किया गया है।
ऐसे में श्रद्धालुओं के ठहरने की समस्या सबसे बड़ी होगी। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड और प्रशासन सामूहिक रूप से इस साल की यात्रा का संचालन करने के लिए एक तंत्र तैयार कर रहे हैं। जो सभी के लिए सुरक्षित होगा। उपराज्यपाल को भेजे गए एक पत्र में महंत दीपेंद्र गिरी ने उनसे आग्रह किया है कि वे सदियों पुरानी परंपराओं के संरक्षण और पवित्र गुफा के साथ साधुओं की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करें।