लाइव न्यूज़ :

जम्मू कश्मीर: तीन सरकारी कर्मचारी बिना कारण बताए बर्खास्त, आदेश में प्रोफेसर को राज्य के लिए खतरा बताया

By विशाल कुमार | Updated: May 14, 2022 07:45 IST

पिछले आठ महीनों में कानून के तहत बर्खास्त किए गए 36 सरकारी कर्मचारियों में डॉक्टर पंडित सर्वोच्च रैंक के अधिकारी हैं। उनमें से 31 कश्मीर घाटी से हैं, जिनमें एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देविंदर सिंह भी शामिल है, जिसे हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी सैयद नवीद के साथ संबंध को लेकर गिरफ्तार किया गया था।

Open in App
ठळक मुद्देसिन्हा ने शुक्रवार को डॉ. अल्ताफ हुसैन पंडित को राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया।आदेश में संविधान के अनुच्छेद 311 के खंड 2 (सी) का हवाला दिया गया है।311 के खंड 2 (सी) राष्ट्रपति या राज्यपाल को जांच किए बिना कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने की अनुमति देता है। 

श्रीनगर:जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर सहित तीन सरकारी कर्मचारियों को बिना किसी जांच के बर्खास्त कर दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को डॉ. अल्ताफ हुसैन पंडित को राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा घोषित करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का आदेश दिया।

आदेश में कहा गया कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद और उपलब्ध जानकारी के आधार पर उपराज्यपाल संतुष्ट हैं कि कश्मीर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में प्रोफेसर पुत्र गुलाम हसन पंडित अल्ताफ हुसैन पंडित निवासी वडूरा बाला, सोपोर की गतिविधियाँ ऐसी हैं जो सेवा से उनकी बर्खास्तगी की जरूरी बनाती हैं।

आदेश में संविधान के अनुच्छेद 311 के खंड 2 (सी) का हवाला दिया गया है जो राष्ट्रपति या राज्यपाल को जांच किए बिना कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने की अनुमति देता है। इसी तरह के एक आदेश में, सरकार ने कहा कि उनके आचरण की जांच आवश्यक नहीं है।

बर्खास्त किए गए दो अन्य लोगों में उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में कार्यरत लोलाब निवासी मोहम्मद मकबूल हाजम हैं और जम्मू प्रांत के डोडा के एक वरिष्ठ ग्रेड पुलिस कांस्टेबल गुलाम रसूल हैं।

पिछले आठ महीनों में कानून के तहत बर्खास्त किए गए 36 सरकारी कर्मचारियों में डॉक्टर पंडित सर्वोच्च रैंक के अधिकारी हैं। उनमें से 31 कश्मीर घाटी से हैं, जिनमें एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देविंदर सिंह भी शामिल है, जिसे हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी सैयद नवीद के साथ संबंध को लेकर गिरफ्तार किया गया था। लगभग सभी मामलों में, सरकार ने कर्मचारियों या मीडिया के साथ बर्खास्तगी का कोई कारण साझा नहीं किया।

सूत्रों ने बताया कि हाल ही में डॉ पंडित के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला, लेकिन वह 1990 के दशक में हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान चले गए थे। 

सूत्रों ने कहा कि घाटी में लौटने के बाद डॉ. पंडित ने उग्रवाद को छोड़ दिया था और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान का अध्ययन करने गए थे। वे कॉलेज लेक्चरर बन गए लेकिन जल्द ही उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय में नौकरी कर ली।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरमनोज सिन्हा
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें