जम्मू: अमरनाथ यात्रा में लंगर वालों ने समेटना शुरू किया बोरिया बिस्तर

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 3, 2023 02:31 PM2023-08-03T14:31:12+5:302023-08-03T14:37:55+5:30

अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नगण्य होने का परिणाम है कि श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे लंगरवाले अब परेशान हो गए हैं।

Jammu: In Amarnath Yatra, the langars started packing sacks | जम्मू: अमरनाथ यात्रा में लंगर वालों ने समेटना शुरू किया बोरिया बिस्तर

जम्मू: अमरनाथ यात्रा में लंगर वालों ने समेटना शुरू किया बोरिया बिस्तर

Highlightsअमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी से परेशान हुए लंगर लगाने वाले लंगर लगाने वाले यात्रियों की कमी के कारण रोजाना खराब होने वाले भोजन से दुखी हैंइस कारण से 50 फीसदी लंगर लगाने वाले जल्द से जल्द अपने लंगरों को बंद करना चाहते हैं

जम्मू:अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नगण्य होने का परिणाम है कि श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे लंगरवाले अब परेशान हो गए हैं। उनकी परेशानी का कारण यात्रियों की अनुपस्थिति में रोजाना खराब होने वाला उनका भोजन है। दरअसल प्रशासन ने उन्हें लंगर लगाने की इजाजत उसी शर्तों पर दी थी कि जब तक यात्रा जारी रहेगी, उन्हें रोजाना लंगर खोलना होगा।

हालांकि इस बार जिन 123 संस्थाओं को लंगर लगाने की अनुमति दी गई थी उनमें से आधे से अधिक यात्रा के ढलान पर आते ही अपना बोरिया बिस्तर बांध कर गुम हो चुकी हैं। बचे हुए में से 50 फीसदी लंगर लगाने वाले जल्द से जल्द अपने लंगरों को बंद करना चाहते हैं। ऐसे में अगर अधिकतर लंगर बंद हो जाते हैं तो सबसे बड़ी परेशानी उन श्रद्धालुओं को पेश आने वाली है, जो अभी भी यात्रा में शिरकत कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक अब प्रतिदिन शिरकत करने वालों का आंकड़ा दो से तीन हजार के आंकड़े को पार नहीं कर पा रहा है। ऐसे में बचे खुचे लंगरवालों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे अपनी व्यवस्थएं अगले आदेश तक बनाए रखें। ऐसे में बाबा बर्फानी लंगर संगठन के प्रधान राजन गुप्ता कहते थे कि हम पहले भी अमरनाथ यात्रा की अवधि को सीमित करने की मांग करते आए हैं क्योंकि पिछले कई सालों से यह देखा जा रहा है कि अमरनाथ यात्रा के प्रतीक हिमलिंग के पिघलते ही यात्रा ढलान पर आ जाती है औरफिर श्रद्धालुओं की तलाश करनी पड़ती है।

अमरनाथ यात्रियों की संख्या में कमी आने के कई अन्य कारणों में जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे पर दो पुलों को बंद कर दिए जाने से बनी अव्यवस्था के अतिरिक्त हिमलिंग का पिघल जाना भी शामिल है। पिछले साल भी खराब मौसम के कारण कई दिन पहले ही यात्रा की समाप्ति की घोषणा कर दी गई थी और फिर रक्षाबंधन के दिन छड़ी मुबारक की स्थापना की औपचारिकता निभाई गई थी।

इस बार यह यात्रा 31 अगस्त तक रक्षाबंधन के दिन तक चलनी है और प्रशासन की परेशानी यह है कि वह 2 से 3 हजार के बीच शामिल हो रहे श्रद्धालुओं के लिए अभी भी 2 लाख के करीब सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किए हुए है। हालांकि आने वाले दिनों मंें प्रशासन को अब यह उम्मीद नहीं है कि यह संख्या भी बरकरार रहेगी।

Web Title: Jammu: In Amarnath Yatra, the langars started packing sacks

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