जम्मू कश्मीर: 'सब कुछ सामान्य' के दावों के बीच मीडिया से बात कर रहे कांग्रेसी प्रवक्ता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया
By सुरेश डुग्गर | Published: August 16, 2019 07:00 PM2019-08-16T19:00:03+5:302019-08-16T19:00:03+5:30
बार-बार कहने पर भी जब रवीन्द्र शर्मा नहीं माने तो पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने आनन-फानन में शर्मा को हिरासत में ले लिया और अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इस दौरान शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। क्या पत्रकारवार्ता करना गुनाह है..।
ऐसे समय में जब राज्य के मुख्य सचिव राज्य में खासकर कश्मीर में सब कुछ सामान्य होने का दावा कर रहे थे उस समय जम्मू में प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रवीन्द्र शर्मा को पुलिस ने पत्रकारवार्ता के दौरान हिरासत में ले लिया। इससे पहले कि वह पत्रकारवार्ता शुरू करते और वहां मौजूद मीडियाकर्मियों को संवाददाता सम्मेलन के एजेंडे के बारे में जानकारी देते। पुलिस ने वहां पहुंच पहले तो उन्हें अपनी विनम्रता से अधिकारियों के समक्ष आने के लिए कहा परंतु जब मुख्य प्रवक्ता ने इस पर आनाकानी शुरू कर दी तो पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें जबरन वहां से उठाया और गाड़ी में बैठाकर ले गई।
यह घटना शाम चार बजे के करीब की है। दरअसल रवीन्द्र शर्मा ने शहीदी चौक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन बुलाया हुआ था। वह पूरे समय पर कार्यालय में पहुंच गए। कई मीडियाकर्मी पहले से ही वहां मौजूद थे। इससे पहले की वह पत्रकारों को संबोधित करते उसी समय पुलिस इंस्पेक्टर कुछ जवानों के साथ वहां पहुंच गया। उन्होंने रवीन्द्र शर्मा से कहा कि बाहर मौजूद पुलिस अधिकारी उन्हें बुला रहे हैं। इस पर ने कहा कि उन्हें भीतर आने के लिए कहें और जो भी बात करनी है, यहां आकर कहें। शर्मा यह भी भांप गए थे कि पत्रकारवार्ता बुलाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। शर्मा ने कहा कि हम यहां सिर्फ पत्रकारवार्ता कर रहे हैं।
बार-बार कहने पर भी जब रवीन्द्र शर्मा नहीं माने तो पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने आनन-फानन में शर्मा को हिरासत में ले लिया और अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इस दौरान शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। क्या पत्रकारवार्ता करना गुनाह है। हम कोई प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं को पहले ही घरों में नजरबंद किया गया है। उन्हें बिना वजह गिरफ्तार किया गया है। परंतु पुलिस अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें गाड़ी में बैठाकर वहां से ले गए।