Zojila Tunnel: चीन सीमा तक पहुंच, लद्दाख के करगिल में ब्लास्ट, जोजिला टनल पर काम शुरू, 6809 करोड़ रुपए खर्च, जानिए सबकुछ
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 15, 2020 09:36 PM2020-10-15T21:36:55+5:302020-10-15T21:36:55+5:30
जोजिला टनलः केंद्र सरकार 6809 करोड़ रुपए खर्च करेगी। करगिल जिले के द्रास और सोनमर्ग के बीच प्रस्तावित जोजिला टनल के निर्माण के लिए आज दोपहर करीब 12 बजे ब्लास्ट किया गया।
जम्मूः चीन सीमा तक सारा साल पहुंच के लिए सामरिक महत्व की जोजिला टनल का काम आज शुरू हो गया। लद्दाख के करगिल जिले में आज पहाड़ में ब्लास्ट के साथ जोजिला टनल का काम शुरू हो गया है।
इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। ब्लास्ट के बाद केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जोजिला टनल पर एक किताब का भी विमोचन किया। इस टनल को बनाने में केंद्र सरकार 6809 करोड़ रुपए खर्च करेगी। करगिल जिले के द्रास और सोनमर्ग के बीच प्रस्तावित जोजिला टनल के निर्माण के लिए आज दोपहर करीब 12 बजे ब्लास्ट किया गया।
करीब 11578 फीट की ऊंचाई पर बनने वाली ये टनल बेहद आधुनिक होगी। इस टनल की लंबाई 14.15 किलोमीटर होगी। करगिल में बनने वाली जोजिला टनल हर लिहाज से दुनिया के सबसे आधुनिक सुरंगों में से एक होगी। अटल टनल की तरह ही जोजिला सुंरग बनाने का सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था जिसे अब मोदी सरकार पूरा करने जा रही है।
करगिल के जोजिला दर्रे को दुनिया का सबसे खतरनाक दर्रा माना जाता। टनल के बनने से एक तो इसे पार करने का जोखिम कम होगा और जो दूरी को तय करने में तीन घंटे लगते थे वो महज 15 मिनट में पूरी हो जाएगी। जोजिला सुरंग, श्रीनगर, करगिल और लेह को आपस में जोड़ने में मददगार होगी। सुरंग से सेना को न सिर्फ चीन सीमा बल्कि पाकिस्तान की सीमा पर भी जवानों की तैनाती में मदद मिलेगी।
जोजिला टनल का निर्माण सेना और सिविल इंजीनियरों की एक टीम पहाड़ को काट कर इस सुरंग बनाएगी। इस सुरंग के बन जाने से से श्रीनगर और लेह के बीच पूरे वर्ष भर संपर्क सुविधा मिलेगी। सुरंग बनाने की प्रक्रिया में विस्फोटकों के जरिए पत्थरों को हटाकर पहले रास्ता बनाया जाता है। सुरंग निर्माण अपने आप में इंजीनियरिंग विधा की नायाब कृति है।
जोजिला टनेल की खासियत यह है कि श्रीनगर कारगिल लेह नेशनल हाईवे पर 11, 578 फीट ऊंचाई पर बनने वाली इस टनल की कुल लंबाई करीब 14.5 किलोमीटर है। राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर श्रीनगर घाटी और लेह के बीच यह सुरंग द्रास और करगिल होते हुए सभी मौसम में संपर्क सुविधा उपलब्ध कराएगी। अगर मौजूदा समय की बात करें तो इस रूट पर आवागमन सिर्फ 6 महीने उपलब्ध रहता है। लद्दाख, गिलगिट और बालटिस्तान के करीब होने से इसका सामरिक महत्व भी है।
जोजिला सुरंग परियोजना से करगिल, द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोगों की तीन दशक पुरानी मांग पूरी होगी। श्रीनगर-लेह खंड में यात्रा हिमस्खलन का खतरा नहीं होगा। यात्रा में लगने वाले समय में कमी आएगी। ठंड के दिनों में हिमपात की वजह से जोजिला दर्रा बंद रहता है। यह दुनिया में वाहनों के परिचालन के लिहाज से सवार्धिक खतरनाक मार्गों में से एक है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद भारत की न केवल आर्थिक क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि सामरिक क्षमका में भी वृद्धि होगी।
Jammu and Kashmir: First blasting for construction of Zojila Tunnel takes place in Ganderbal district
— ANI (@ANI) October 15, 2020
Zojila Tunnel will provide all-weather connectivity between Srinagar, Dras, Kargil and Leh regions pic.twitter.com/PdJTeSn5B8