जम्मू और कश्मीरः विधानसभा में 90 सीट, कश्मीरी पंडितों के लिए रिजर्व, अनुसूचित जनजाति के लिए 9 सीट, जानें परिसीमन आयोग की रिपोर्ट

By सतीश कुमार सिंह | Published: May 5, 2022 04:30 PM2022-05-05T16:30:56+5:302022-05-05T16:32:10+5:30

जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजन अगस्त 2019 में हुआ। आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं।

Jammu and Kashmir will have 90 Assembly seats Delimitation Commission kashmiri pandit constituted in March 2020 | जम्मू और कश्मीरः विधानसभा में 90 सीट, कश्मीरी पंडितों के लिए रिजर्व, अनुसूचित जनजाति के लिए 9 सीट, जानें परिसीमन आयोग की रिपोर्ट

आयोग द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट के अनुसार सभी पांच संसदीय क्षेत्रों में समान संख्या में विधानसभा क्षेत्र होंगे। (photo-ani)

Highlightsमुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार शामिल हैं।चुनाव आयुक्त (एसईसी) केके शर्मा और मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार इसके पदेन सदस्य हैं।पहली बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए भी कुल नौ सीटें आरक्षित होंगी।

श्रीनगरः जम्मू और कश्मीर के परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों के पुनर्गठन के लिए अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। परिसीमन आयोग का गठन मार्च 2020 में किया गया था। नवगठित केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सीटों का परिसीमन आवश्यक होगा।

जम्मू और कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजन अगस्त 2019 में हुआ। आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं और मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार शामिल हैं।

चुनाव आयुक्त (एसईसी) केके शर्मा और मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार इसके पदेन सदस्य हैं। 2020 में स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर में चुनाव होंगे।

परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नामांकन के माध्यम से कश्मीरी पंडितों और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से विस्थापित लोगों के प्रतिनिधित्व की सिफारिश की है। पहली बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए भी कुल नौ सीटें आरक्षित होंगी।

आयोग द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट के अनुसार सभी पांच संसदीय क्षेत्रों में समान संख्या में विधानसभा क्षेत्र होंगे। कश्मीर के लिए विधानसभा सीटों को 46 से बढ़ाकर 47 करने का सुझाव दिया गया है, जबकि जम्मू क्षेत्र में 37 के बजाय 43 सीटें होंगी। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें होंगी।

आयोग ने नौ विधानसभा क्षेत्रों में एसटी के लिए आरक्षण की भी सिफारिश की, जिनमें से छह जम्मू में और तीन कश्मीर घाटी में हैं। सभी विधानसभा क्षेत्र संबंधित जिलों की सीमाओं के भीतर रहेंगे। जब संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों की बात आती है, तो एक को जम्मू के अनंतनाग और राजौरी और पुंछ क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। इसके बाद, प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में समान संख्या में विधानसभा क्षेत्र (प्रत्येक में 14) होंगे।

 

Web Title: Jammu and Kashmir will have 90 Assembly seats Delimitation Commission kashmiri pandit constituted in March 2020

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