श्रीनगर: एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन ने 33 दिनों के बाद अलविदा बोल दिया है। मौसम में गर्मी के अहसास के कारण मुरझा रहे फूलों के कारण फ्लोरीकल्चर विभाग के निदेशक ने इसको आज से बंद करने का आदेश जारी किया था।
इतना जरूर था कि 33 दिनों के भीतर आने वालों ने इस बार नया रिकार्ड कायम किया था। कुल 3.75 लाख आने वालों में 3200 के करीब विदेशी टूरिस्ट भी थे जो पिछले साल से अधिक थे।
गार्डन तैयार करने में लगभग 6 महीने का समय लगा था और गार्डन के खुलने से पहले ही बड़ी योजना बना ली गई थी। लगभग 500 बागवानों और कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत करके जनता के लिए इस उद्यान को तैयार किया था।
पर्यटक बड़ी संख्या में यहां आए थे जिन्होंने खूबसूरत नजारों का आनंद लिया था। पिछले साल 3.66 लाख पर्यटक ट्यूलिप गार्डन में आए थे तो इस बार यह आंकड़ा 3.75 लाख था।
हरियाणा से आए पर्यटक संदीप और राजा चौधरी का कहना था कि हमने अपनी यात्रा की योजना ट्यूलिप के खिलने के साथ बनाई थी। यह एक शानदार अनुभव रहा है और मैंने अपने जीवन में ट्यूलिप के इतने खूबसूरत और इतने रंग कभी नहीं देखे थे। वे कहते थे कि अब तक हमने उन्हें केवल टीवी पर देखा था और अब आखिरकार उन्हें लाइव देखा।
कश्मीर की नई पहचान ट्यूलिप गार्डन में आने वालों का सैलाब इन 33 दिनों में कभी नहीं थमा था। यह सैलाब कितना था इसी से अंदाजा लगाया जा सकता था कि पिछले साल की तुलना में इस बार प्रतिदिन 3 हजार पर्यटक ज्यादा आ रहे थे। जबकि 33 दिनों में 3.75 लाख पर्यटकों ने ट्यूलिप के लाखों फूलों का दीदार किया था।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 3.66 लाख पर्यटक ट्यूलिप में आए थे। और सबसे अधिक चिंता की बात यह थी कि बड़ी संख्या में लोग यह भी कहते रहे हैं कि शहर और अन्य जगहों पर होटलों की प्री-बुकिंग के कारण वे कश्मीर नहीं आ पा रहे थे।
गार्डन विभाग के उप निदेशक इखलास शायिक का कहना था कि इस बार ट्यूलिप में हर समय पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई है। वे बताते थे कि पिछले वर्ष की तुलना में, ट्यूलिप गार्डन में प्रतिदिन 3000 अतिरिक्त पर्यटक आए थे।
शायिक का कहना था कि इस बार अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का प्रवाह भी अधिक रहा है, और इस वर्ष 3200 अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों ने उद्यान का दौरा किया था। शायिक ने बताया कि हम इस साल बगीचे में हर समय उच्च पर्यटक संख्या की उम्मीद करते रहे थे और यह सपना पूरा भी हुआ है।