Jammu and Kashmir: कश्मीरी पंडितों को टारगेट बना रहे आतंकी, सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का इरादा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 10, 2020 04:23 PM2020-06-10T16:23:48+5:302020-06-10T16:23:48+5:30
खुफिया एजेंसियों के अलर्ट पर आतंक ग्रस्त इलाकों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में कई बार बदलाव किए गए हैं। आतंकी कश्मीर में अल्पसंख्यकों में दहशत पैदा करना चाहते हैं।
जम्मूः अगर खुफिया एजेंसियों की मानें तो पांच-छह माह से लगातार सूचना मिल रही हैं कि आतंकी संगठन कश्मीर में अल्पसंख्यकों में खौफ पैदा करने के साथ सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश में जुटे हैं। इन्हीं इरादों के चलते वे कश्मीर में अभी भी टिके हुए कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने की मुहिम में जुट गए हैं।
वह आतंक की राह छोड़ रहे कश्मीरियों में फिर से दहशत पैदा करने के लिए सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देने का मौका ढूंढ रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के अलर्ट पर आतंक ग्रस्त इलाकों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में कई बार बदलाव किए गए हैं। आतंकी कश्मीर में अल्पसंख्यकों में दहशत पैदा करना चाहते हैं।
अधिकारी कहते हैं कि आतंकी कश्मीर में साफ्ट टारगेट तलाश रहे हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की हत्या के पीछे भी यही साजिश है। आतंकी संगठन अब आम लोगों को जनप्रतिनिधियों पर हमले कर कश्मीर में लोगों को डराना चाहते हैं।
साथ ही सांप्रदायिक हिंसा को भड़काकर कानून व्यवस्था का संकट पैदा करने के मंसूबे भी पाल रहे हैं। अल्पसंख्यकों के धर्मस्थलों पर हमला करना भी इसी साजिश का हिस्सा है। वादी में बीते एक माह के दौरान अल्पसंख्यकों के चार धर्मस्थलों पर हमले हुए हैं।
बड़ा हमला करने में नाकाम होने से आतंकी हताश भी हैं। हताशा में कैडर का मनोबल बनाए रखने के लिए निहत्थे पुलिसकर्मियों को घरों से अगवा और पंच-सरपंचों के साथ मारपीट कर रहे हैं। अजय पंडिता की हत्या इसी कड़ी का हिस्सा है। सुर्खियों व खौफ पैदा करने आतंकी अजय पंडिता जैसे लोगों की हत्या करते हैं।
अजय पंडिता की हत्या से पूर्व बीते एक माह के दौरान वादी में जिहादी तत्वों ने श्रीनगर में ही अल्पसंख्यकों के चार धर्मस्थलों को निशाना बनाया है। इनमें एक रैनावारी इलाके में मंदिर और तीन शिया समुदाय के धर्मस्थल हैं। चारों धर्मस्थलों पर पेट्रोल बमों से हमला हुआ है।