जम्मू-कश्मीर: सख्ती ने आतंकियों को किया पस्त, सीमा पार से नहीं मिल पा रही हथियारों की खेप, ग्रेनेड का बढ़ा इस्तेमाल
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 7, 2022 01:29 PM2022-02-07T13:29:58+5:302022-02-07T13:29:58+5:30
कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत से ही ग्रेनेडों का जम कर इस्तेमाल आतंकियों की ओर से किया जाता रहा है। साल 2020 में 54 ग्रनेड हमले आतंकियों की ओर से हुए थे। इस साल अभी तक कश्मीर 6 ग्रनेड हमलों को झेल चुका है।
जम्मू: सीमा पार से हथियारों की खेपें न मिल पाने के कारण आतंकी अब अधिकतर हमलों के लिए ग्रेनेडों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें देसी ग्रेनेड भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने कुछ दिन पहले आतंकियों के कई ओडब्ल्यूजी को गिरफ्तार कर आने वाले दिनों में आतंकियों द्वारा किए जाने वाले ग्रेनेड हमलों को भी थाम लेने का दावा किया है।
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले साल आतंकियों ने प्रदेशभर में 70 से अधिक ग्रेनेड हमले किए थे। आतंकी आने वाले दिनों में भी ऐसे और हमले श्रीनगर शहर में करके अफरातफरी मचाने की योजना बना रहे थे। हालांकि आतंकियों के समर्थकों की पिछले कुछ हफ्तों में हुई गिरफ्तारी और उनसे बरामद ग्रेनेडों के साथ अधूरी रह गईं।
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार ओडब्ल्यूजी ने इसे माना है कि उन्हें अब अन्य हथियार मुहैया नहीं करवाए जा रहे हैं जिस कारण वे सिर्फ ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रहे हैं। सीमाओं पर जारी सीजफायर तथा तारबंदी के कारण घुसपैठ पर लगी रोक के चलते सीमा पार से हथियारों खेपें अब उतनी मात्रा में नहीं आ पा रही हैं, जितनी चार साल पहले तक आया करती थीं।
ऐसे में आतंकियों को सीमा पार से मिलने वाले आदेशों में भी अधिक से अधिक ग्रेनेड हमले करने को कहा जा रहा है। यही नहीं, एक अधिकारी के बकौल, 'आतंकी अब लोकल लेवल पर भी ग्रेनेड बना रहे हैं। हालांकि ऐसे बनाए जाने वाले देसी ग्रेनेड अधिक नुक्सान तो नहीं पहुंचा पाए पर उसने लोगों को जख्मी कर दहशत जरूर फैलाई है।'
कश्मीर में आतंकवाद की शुरूआत से ही ग्रेनेडों का जम कर इस्तेमाल होता रहा है। वर्ष 2020 में भी 54 ग्रनेड हमले हुए थे तो इस साल अभी तक कश्मीर 6 ग्रनेड हमलों को झेल चुका है। इस हल्के वजन की वस्तु को फिंकवाने के लिए आतंकी कई बार छोटे छोटे बच्चों का भी इस्तेमाल कर चुके हैं।