जम्मू-कश्मीर: राष्ट्रीय राइफल्स को एलएसी पर तैनात करने की योजना रोकी जा सकती है, आतंकी घटनाओं में तेजी ने बढ़ाई चिंता

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 4, 2023 02:53 PM2023-10-04T14:53:25+5:302023-10-04T15:02:38+5:30

जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की कुछ इकाइयों को घाटी से हटाकर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ले जाने की योजना थी। लेकिन हालिया आतंकी घटनाओं के बाद सेना अपनी रणनीति का फिर से पुनर्मूल्यांकन कर रही है।

Jammu and Kashmir Plan to deploy Rashtriya Rifles on LAC may be stopped | जम्मू-कश्मीर: राष्ट्रीय राइफल्स को एलएसी पर तैनात करने की योजना रोकी जा सकती है, आतंकी घटनाओं में तेजी ने बढ़ाई चिंता

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsजम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई हैसुरक्षा बलों को रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए मजबूर किया हैराष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) को दूसरी जगह ले जाने की योजना रोकी जा सकती है

जम्मू-कश्मीर: सर्दियों की शुरुआत से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। सर्दियों की शुरुआत से पहले घुसपैठ चरम पर होती है लेकिन इस साल आतंकी घटनाएं काफी पहले ही शुरू हो गईं। बढ़ती घटनाओं ने सुरक्षा बलों को अपनी आतंकवाद विरोधी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए मजबूर किया है।आतंकी घटनाओं के कारण  राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) इकाइयों को जम्मू-कश्मीर से हटाकर दूसरी जगह भेजने की योजना पर भी अब विराम लगता दिख रहा है। 

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार  जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की कुछ इकाइयों को घाटी से हटाकर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ले जाने की योजना थी। कुछ बटालियन एलएसी पर भेजी भी जा चुकी हैं। लेकिन हालिया आतंकी घटनाओं के बाद सेना अपनी रणनीति का फिर से पुनर्मूल्यांकन कर रही है। 

पुनर्मूल्यांकन में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मौजूदा घुसपैठ रोधी ग्रिड को बढ़ाना और आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए भीतरी इलाकों में सैनिकों की फिर से तैनाती करना शामिल है। ऐसे में राष्ट्रीय राइफल्स का घाटी में मौजूद होना जरूरी है। बता दें कि घुसपैठ रोधी ग्रिड का मतलब सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए नियंत्रण रेखा पर सैनिकों और उपकरणों की तैनाती से है।

जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में कई आतंकी घटनाएं हुई हैं। जिनमें सबसे ताजा घटना मंगलवार को राजौरी में हुई मुठभेड़ थी जिसमें दो सैनिक घायल हो गए थे। सूत्रों ने कहा कि संशोधित आतंकवाद विरोधी रणनीति में इस बात पर विचार किया जाएगा कि सर्दियों से पहले घाटी में घुसपैठ की कोशिशें बढ़ने की संभावना है। दरअसल भारी बर्फबारी ऐसी कोशिशों को मुश्किल बना देती है।

 एलओसी के पार लॉन्चपैड्स में 200 से अधिक आतंकवादियों की अनुमानित मौजूदगी की सूचना भी मिली है जिसे लेकर सेना सतर्क और गंभीर है। हालांकि घाटी में मौजूद आतंकवादियों की संख्या कम हो गई है लेकिन  पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में पुंछ, राजौरी और रियासी जैसे क्षेत्रों में आतंकवादियों की कुल संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।

सेना के अनुसार इस बार सबसे बड़ा खतरा सीमा पार से आने वाले आतंकी ही हैं। कश्मीर में इस साल अभी तक 40 से ज्यादा विदेशी आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। लेकिन माना जा रहा है कि अब भी 150 से ज्यादा आतंकी सीमा पार करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में सेना कोई लापरावाही करना नहीं चाहती।

Web Title: Jammu and Kashmir Plan to deploy Rashtriya Rifles on LAC may be stopped

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