लाइव न्यूज़ :

पूर्वी लद्दाख में तनावः विदेश मंत्रालय ने कहा- चीन अपने सैनिकों को अनुशासन में रखे, शांति पर काम करे

By भाषा | Updated: September 3, 2020 18:54 IST

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटने के कदम के जरिये सीमा पर तेजी से शांति बहाली के उद्देश्य के साथ भारतीय पक्ष से गंभीरता से जुड़े।’’

Open in App
ठळक मुद्देयह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे (पूर्वी लद्दाख में) हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं।दक्षिणी तट पर यथास्थिति में बदलाव के लिये ‘उकसावे वाली सैन्य गतिविधि ’की जिसे भारतीय सेना ने विफल कर दिया।चीन के पीपुल्स लिवरेशन आर्मी ने एक बार फिर उकसावे वाली कार्रवाई की जब स्थिति सामान्य करने के लिए कमांडर चर्चा कर रहे थे।

नई दिल्लीः भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पिछले चार महीने में सीमा पर पैदा हुए हालात इस क्षेत्र में एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने की चीनी कार्रवाई का ‘प्रत्यक्ष परिणाम’ है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि भारत संवाद के जरिये सभी मुद्दों के समाधान के लिये प्रतिबद्ध है और मुद्दों के समाधान का रास्ता बातचीत है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे (पूर्वी लद्दाख में) हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं।

चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना है।’’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटने के कदम के जरिये सीमा पर तेजी से शांति बहाली के उद्देश्य के साथ भारतीय पक्ष से गंभीरता से जुड़े।’’

‘उकसावे वाली सैन्य गतिविधि ’की जिसे भारतीय सेना ने विफल कर दिया

गौरतलब है कि सोमवार को भारतीय सेना ने कहा था कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर यथास्थिति में बदलाव के लिये ‘उकसावे वाली सैन्य गतिविधि ’की जिसे भारतीय सेना ने विफल कर दिया।

श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा था कि चीन के पीपुल्स लिवरेशन आर्मी ने एक बार फिर उकसावे वाली कार्रवाई की जब स्थिति सामान्य करने के लिए कमांडर चर्चा कर रहे थे। चीनी प्रयासों के बाद भारतीय सेना ने पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर कम से कम तीन सामरिक महत्व की ऊंचाइयों पर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 10 सितंबर को होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक में जायेंगे, श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ हां, वे 10 सितंबर को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। ’’ गौरतलब है कि एससीओ आठ देशों का क्षेत्रीय संगठन है जिसमें भारत और चीन भी शामिल हैं ।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरलद्दाखचीनभारतीय सेनाजयशंकर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें