जम्मू कश्मीर के डीजीपी बोले- पहले जिंदगी फिर आजादी, लोगों की जान बचाने के लिए लगाए गए हैं प्रतिबंध

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 9, 2019 08:38 IST2019-09-09T08:38:05+5:302019-09-09T08:38:05+5:30

दिलबाग सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि जम्मू कश्मीर में प्रतिबंध लोगों की जान बचाने के लिए लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पहले जिंदगी उसके बाद आजादी।

Jammu and Kashmir DGP said - First life, then liberty, restrictions have been imposed to save the lives of people. | जम्मू कश्मीर के डीजीपी बोले- पहले जिंदगी फिर आजादी, लोगों की जान बचाने के लिए लगाए गए हैं प्रतिबंध

जम्मू कश्मीर के डीजीपी बोले- पहले जिंदगी फिर आजादी, लोगों की जान बचाने के लिए लगाए गए हैं प्रतिबंध

Highlightsजम्मू कश्मीर में प्रतिबंध लोगों की जान बचाने के लिए लगाए हैं।अगर पांच लोगों को उठाया जाता है तो उसमें से चार को छोड़ दिया जाता है।

'प्रतिबंध बुरे दिखते हैं लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। इंसान की जिंदगी किसी कम्यूनिकेशन से ज्यादा महत्वपूर्ण है।' ये बातें जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में कही। उन्हें एक साल पहले जम्मू कश्मीर का डीजीपी बनाया गया था। आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद कानून व्यवस्था पर वो बड़ी सूक्ष्म नजर बनाए हुए हैं।

दिलबाग सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि जम्मू कश्मीर में प्रतिबंध लोगों की जान बचाने के लिए लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पहले जिंदगी उसके बाद आजादी।

हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या पूछे जाने पर दिलबाग सिंह ने कहा कि वर्तमान आंकड़ा तो वो अभी नहीं बता सकते लेकिन हिरासत में लिए जाने की दर बेहद कम है। अगर पांच लोगों को उठाया जाता है तो उसमें से चार को छोड़ दिया जाता है। फिलहाल कुछ सौ लोग ही हिरासत में हैं जो शांति व्यवस्था बिगाड़ना चाहते हैं।

जम्मू कश्मीर के हालात के अगले चरण पर बात करते हुए डीजीपी ने कहा कि आतंकी स्थानीय लोगों पर व्यपार ना करने का दबाव बना रहे हैं। लोग इसका विरोध कर रहे हैं। धीरे-धीरे वहीं से रास्ता निकलेगा। अब हम तो किसी के पास जाकर दुकान खोलने के लिए नहीं कहेंगे। ये उनका व्यवसाय है, उन्हें ही कदम बढ़ाना होगा।

डीजीपी ने कहा कि दक्षिणी कश्मीर में करीब 150 मिलिटेंट सक्रिय हैं लेकिन उनकी हरकतों का हमें पता है। पूरे कश्मीर में 250 से ज्यादा मिलिटेंट नहीं होंगे। संचार व्यवस्था बंद होने से थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं लेकिन यह किसी की जान की कीमत से ज्यादा नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकांश थानों से प्रतिबंध हटा लिए गए हैं सिर्फ कुछ थानों पर यह अभी लागू है।

इससे पहले जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंधों को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी उचित ठहराया था। उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद राज्य में जनहानि रोकने के लिए प्रतिबंध जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की पहचान और संस्कृति सुरक्षित रहेगी। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा गत पांच अगस्त को खत्म किए जाने के बाद मलिक ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले तीन महीनों में राज्य में 50 हजार नौकरियां उपलब्ध होंगी। जम्मू कश्मीर में यह सबसे बड़ा भर्ती अभियान होगा।

Web Title: Jammu and Kashmir DGP said - First life, then liberty, restrictions have been imposed to save the lives of people.

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