श्रीनगर में जी-20 के सफल आयोजन के बाद, अनुमानित 2 करोड़ टूरिस्टों के इंतजार में जम्मू-कश्मीर

By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 25, 2023 04:15 PM2023-05-25T16:15:16+5:302023-05-25T16:17:35+5:30

याद रहे पिछले साल प्रदेश में आने वाले 1.88 करोड़ पर्यटकों की जिस संख्या को प्रसारित कर कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताने की मुहिम छेड़ी गई थी उसमें वैष्णो देवी के तीर्थस्थल पर आने वाले 92.5 लाख श्रद्धालु भी शामिल किए गए थे।

Jammu and Kashmir awaits an estimated 20 million tourists after the successful G-20 event in Srinagar | श्रीनगर में जी-20 के सफल आयोजन के बाद, अनुमानित 2 करोड़ टूरिस्टों के इंतजार में जम्मू-कश्मीर

श्रीनगर में जी-20 के सफल आयोजन के बाद, अनुमानित 2 करोड़ टूरिस्टों के इंतजार में जम्मू-कश्मीर

Highlights श्रीनगर में तीन दिनों तक चले जी-20 सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधियों ने कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताते हुए लोगों से आह्वान किया हैअब कश्मीर प्रशासन इन तारीफों के पुल से उत्साहित है और उसे अब 2 करोड़ पर्यटकों का इंतजार है पिछले साल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या 1.88 करोड़ रही थी

जम्मू: राजधानी शहर श्रीनगर में तीन दिनों तक चले जी-20 सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधियों ने कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताते हुए लोगों से आह्वान किया है कि वे भी इस स्वर्ग की अनुभूति को महसूस करें। पर यह वादा नहीं किया है कि कुछ देशों द्वारा अपने नागरिकों के दौरों पर लगाई गई पाबंदियों को हटाया जाएगा और अब कश्मीर प्रशासन इन तारीफों के पुल से उत्साहित है और उसे अब इंतजार है कि इन तारीफों की फसल को कम से कम दो करोड़ टूरिस्टों की संख्या के रूप में काटा जा सके।

वह यह दो करोड़ पर्यटकों की संख्या सिर्फ कश्मीर के लिए चाहता है। याद रहे पिछले साल प्रदेश में आने वाले 1.88 करोड़ पर्यटकों की जिस संख्या को प्रसारित कर कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताने की मुहिम छेड़ी गई थी उसमें वैष्णो देवी के तीर्थस्थल पर आने वाले 92.5 लाख श्रद्धालु भी शामिल किए गए थे।

सरकार द्वारा जारी आंकड़े खुद कहते हैं कि वर्ष 2022 में 26.73 लाख लोग ही कश्मीर आए थे। जो वर्ष 2016 के मुकाबले आने वाले 12.99 लाख पर्यटकों से 13.74 लाख अधिक थे। यही कारण था कि वर्ष 2022 को कश्मीर में पर्यटन के हिसाब से पिछले 3 दशकों में सबसे बेहतर माना जाता रहा है।

पर कश्मीर प्रशासन के लिए यह आंकड़े खुशी देने वाले नहीं थे। वह आज भी देशभर से आने वालों को या फिर स्थानीय पर्यटकों को पर्यटक नहीं मानता है। कारण स्पष्ट है। पर्यटन विभाग से जुडे़ एक अधिकारी के बकौल, पर्यटन की रीढ़ उसमें शामिल लोगों द्वारा किए जाने वाला खर्च होता है तभी आपकी अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

हालांकि इस साल कश्मीर के गुलमर्ग में पिछले चार महीनों में 443847 पर्यटक आए थे। दरअसल गुलमर्ग सबसे पसंदीदा पर्यटनस्थल माना जाता है। पर यह संख्या भी न ही कश्मीरियों को और न ही सरकार को खुशी दे पा रही है क्योंकि इसमें सिर्फ 4218 विदेशी पर्यटक थे और 72426 देशभर के अन्य भागों से आने वाले। जबकि 367203 लोकल टूरिस्टों द्वारा ज्यादा खर्चा न किए जाने से वे नाखुश थे।

यही कारण है की विदेशी पर्यटकों को कश्मीर की ओर खिंचने की खातिर जो इंवेस्टमेंट भारत सरकार ने जी-20 की बैठक पर हुए खर्चे के रूप में की है उसका मकसद विदेशी पर्यटकों को कश्मीर में लाने के साथ ही दुनिया को कश्मीर की उस शांति को दिखना है जिसके प्रति आज भी सवाल उठ रहे हैं। 

यह सच है कि जी-20 की बैठक की कामयाबी के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती परदे के पीछे रखने से आलोचनाएं भी हुई हैं पर आम कश्मीरी की चिंता सिर्फ टूरिज्म की है ताकि अर्थ व्यवस्था ढलान पर न उतरे। यह बात अलग है कि प्रशासन का सारा ध्यान सिर्फ कश्मीर पर ही है जिस कारण बाकी इलाकों के लोग अनदेखी का आरोप जरूर मढ़ रहे हैं।

Web Title: Jammu and Kashmir awaits an estimated 20 million tourists after the successful G-20 event in Srinagar

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