Jammu and Kashmir assembly elections: चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर चुका है। इसके बाद से केंद्र शाषित प्रदेश के राजनेता भी एक्शन में आ चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद अपने पहले फैसले में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा, "चुनाव के बाद अपने पहले कार्य क्रम में, जम्मू-कश्मीर विधानसभा, क्षेत्र के राज्य के दर्जे और विशेष दर्जे को खत्म करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी।" नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की और चुनाव आयोग द्वारा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के एक दिन बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव, राजनीतिक मामलों और संगठन से संबंधित मामलों पर चर्चा की।
चुनाव आयोग की घोषणा के बाद उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होने तक विधानसभा चुनावों में भाग नहीं लेने का फैसला किया। हालांकि उनके पिता फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि वह चुनाव लड़ेंगे। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि उमर अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे। जब राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो मैं पद छोड़ दूंगा और उमर अब्दुल्ला उस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
कब होंगे Jammu & Kashmir में विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार विधानसभा चुनाव साल 2014 में हुए थे। अब एक दशक बाद और केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित होने के पांच साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे। विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे - 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को। चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। केंद्र शासित प्रदेश में कुल 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 74 सामान्य, नौ एसटी और सात एससी हैं।
जम्मू रीजन में अब 43 सीटें हैं। कश्मीर क्षेत्र में अब 47 सीटें हैं। जम्मू के सांबा, कठुआ, राजौरी, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर में 1-1 सीट बढ़ गई है। जबकि नए परिसीमन के बाद कश्मीर क्षेत्र में कुपवाड़ा जिले में एक सीट बढ़ाई गई है। मतदाताओं की संख्या कुल 87.09 लाख हैं जिसमें 44.46 लाख पुरुष और 42.62 लाख महिला मतदाता होंगे। जम्मू-कश्मीर में युवा मतदाताओं की संख्या 20 लाख है।