जम्मू कश्मीर: अगले विधानसभा चुनाव में जीत का सपना संजोए है BJP, मुख्यमंत्री बनाने की राह में रोड़ा बना लद्दाख
By सुरेश डुग्गर | Published: January 7, 2019 08:00 PM2019-01-07T20:00:23+5:302019-01-07T20:00:23+5:30
जम्मू कश्मीर में होने वाले संसदीय चुनाव में लद्दाख की सीट जीतने की जंग लड़ने की तैयारी कर रही भारतीय जनता पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। लद्दाख को यूनियन टेरेटरी बनाने की मांग नजरअंदाज होने के बाद विरोध में थुप्स्टन छेवांग के सांसद पद व भाजपा से त्यागपत्र देने के बाद अब लेह हिल डेवेलपमेंट काउंसिल में भाजपा के 5 काउंसिलरों ने भी पार्टी छोड़ दी है।
लद्दाख संभाग ने भाजपा के उस सपने को तोड़ना आरंभ किया है जिसमें वह अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार और भाजपा के मुख्यमंत्री का सपना संजोए हुए है। दूसरे शब्दों में कहें तो जम्मू कश्मीर में अपने बलबूते सरकार बनाने का दम भर रही भाजपा के लिए लद्दाख बड़ी चुनौती बन गया है। लद्दाख की एक मात्र लोकसभा सीट से सांसद थुपस्टन छेवांग पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। लेह स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद में भी भाजपा में टूट का दौर जारी हैं।
जम्मू कश्मीर में होने वाले संसदीय चुनाव में लद्दाख की सीट जीतने की जंग लड़ने की तैयारी कर रही भारतीय जनता पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। लद्दाख को यूनियन टेरेटरी बनाने की मांग नजरअंदाज होने के बाद विरोध में थुप्स्टन छेवांग के सांसद पद व भाजपा से त्यागपत्र देने के बाद अब लेह हिल डेवेलपमेंट काउंसिल में भाजपा के 5 काउंसिलरों ने भी पार्टी छोड़ दी है।
हालांकि इस्तीफा देने वाले काउंसिलरों को मनाने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी कर रहे हैं। पार्टी ने इन इस्तीफों को गंभीरता से लिया है। यह स्पष्ट संकेत है कि यूनियन टेरेटरी की मांग को केंद्र सरकार के नजरअंदाज करने के बाद क्षेत्र में रोष बढ़ता जा रहा है। थुप्स्टन छेवांग ने भी भाजपा पर लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं को नजरअदांज करने का आरोप लगाते हुए संसदीय सीट व भाजपा से इस्तीफा दिया था।
वर्ष 2014 में भी क्षेत्र में भाजपा की अप्रत्याशित थी। भाजपा के उम्मीदवार थुप्स्टन छेवांग महज 36 वोटों के अंतर से निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय गुलाम रजा से चुनाव जीते थे। इस जीत में लद्दाख के सर्विस वोटरों की भूमिका अहम रही थी।
भाजपा के थुप्स्टन छिवांग को 31,111 वोट मिले थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय गुलाम रजा को मात्र 31075 वोट तो कांग्रेस के सीरिंग सैंफल को 26,402 वोट मिले थे। वर्ष 1967 के बाद से कांग्रेस ने लद्दाख की संसदीय सीट छह बार जीती है।
अब थुप्स्टन छेवांग के भाजपा पर लद्दाख की आकांक्षाओं से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए सांसद के पद से व भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। यह भाजपा के लिए बड़ा झटका था। छेवांग वर्ष 2004 के संसदीय चुनाव में यूनियन टेरेटरी के मुद्दे पर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़कर पहली बार लद्दाख के सांसद बने थे।
समय बीतने के साथ साथ लद्दाख के सांसद थुपस्टन छेवांग भाजपा से दूरी बनाते चले गए और आखिर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया लेकिन वह पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं और इस सीट पर भाजपा की दोबारा जीत पार्टी के लिए चुनौती रहेगी।
वहीं लेह स्वायत्त विकास परिषद के कई काउंसलर भाजपा से नाराज है। पूर्व मुख्य कार्यकारी काउंसलर डोरजे मोटुप के समर्थक माने जा रहे करीब पांच काउंसलरों के इस्तीफा देने के बाद लेह में भाजपा के लिए संकट बढ़ गया है।
आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के उद्देश्य से रविवार को भाजपा की तरफ से प्रदेश में दर्जन भर स्थानों पर नव रत्न सम्मेलनों का आयोजन किया गया। महाजन हाल जम्मू में हुए जम्मू पूर्व विधानसभा क्षेत्र के सम्मेलन में सांसद जुगल किशोर शर्मा, महासचिव युद्धवीर सेठी मुख्य तौर पर मौजूद रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों को घर घर तक पहुंचाने की अपील की।
सुंदरबनी नौशेरा में हुए सम्मेलन में प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि आगामी लोकसभा व राज्य के विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र में एक बार फिर से मोदी सरकार ओर मजबूती के साथ आएगी। वहीं जम्मू कश्मीर राज्य में भाजपा का मुख्यमंत्री बनेगा।